Political News Alwar: कहीं बागी पर विश्वास तो, किसी को मिला धर्य का ईनाम ?

baba. devi jairam jatav

अलवर: राजस्थान में 23 नवंबर को 200 सीटो पर चुनाव होने है। बीजेपी ने सोमवार को प्रत्याशियों की 41 नामों की सूची जारी कर दी है। जिसमे सात सांसद पर विधानसभा से टिकट देकर दाव खेला गया है। सबसे अहम बात यह है इस बार पार्टी ने बानसूर से बागी रहे देवी सिंह शेखावत पूर्व यूआईटी चेयरमैन को भी टिकट दी। जिसकी चारो ओर चचा है।Rewari: स्टेट चैंपियनशिप जीतकर लोटी, रिया यादव का किया स्वागत

तीन सीटो की एक साथ चर्चा: अलवर ग्रामीण से पूर्व विधायक जयराम जाटव और तिजारा से सांसद बाबा बालकनाथ तथा बानसूर से बागी देवी सिंह शेखावत पूर्व यूआईटी चेयरमैन को टिकट विक्षप को चौंका दिया है। हांलाकि इस बार आसार लग रहा है तीनों सीटों पर भाजपा जीत दर्ज करेगी। लेकिन यह तो कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम आने के बाद ही पता चलेगा।

धैर्य, दो बार टिकट, मगर नही किया विरोध
एक बार नहीं दो बार टिकट कटने के बावजूद अलवर ग्रामीण से भाजपा ने पूर्व विधायक जयराम जाटव ने कोई विरोध नही किया। जयराम जाटव पूर्व में दो बार विधायक रहे चुके है। 2003 में खैरथल से बीजेपी विधायक बने उसके बाद जिले में परिसीमन हो गया और सीट अलवर ग्रामीण अलवर एससी/एसटी के लिए रिजर्व हो गई।

 

इसके बाद पार्टी ने विधायक रहते हुए जयराम जाटव का टिकट काट दिया था। लेकिन उनके धर्य का भापजा ने कदर करते हुए इस बार उसे टिकट देकर उतार दिया है।

बागी को भी दिया मौका
2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने से नाराज देवी सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे थे। भाजपा की बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर शानदार प्रर्दशन करते हुए दूसरे नबंर पर रहे थे। यहां से कांग्रेसी की शकुंतला रावत ने जीत हासिल की थी। जबकि भाजपा प्रत्याशी महेंद्र यादव तीसरे नबंर पर रहे थे।हल्का प्रधान बनाए जाने पर देशराज पंच का नंदरामपुर बास में किया स्वागत

 

इस बागी रहे अलवर यूआईटी के पूर्व चेयरमैन देवी सिंह शेखावत को बानसूर से टिकट दिया है। कहीं न कही भाजपा को डर था कि कही ये सीट दोबारा कांग्रेस न जीत ले, इसी लिए ऐसा फैसला ​लिया गया है।

तिजारा से मैदान में सांसद बालकनाथ
तिजारा से भाजपा ने अपना प्रत्याशी सांसद बाबा बालकनाथ को बनाया है। बाबा बालकनाथ 2019 में पहली बार सांसद बने। वह कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को हराकर पहली बार संसद पहुंचे। वह नाथ संप्रदाय के महत्वपूर्ण स्थान मस्तनाथ मठ के महंत भी हैं। इसके बाद वह लगातार पार्टी और जनता के बीच सक्रिय रहे हैं। इस सीट पर भाजपा को भय था, लेकिन दोवदार ज्यादा होने के चलते सांसद केा इस बार अजमाया जा रहा है।