हरियाणा: सुनील चौहान। कोसली इलाके में बहुचर्चित व सीबीएसई मे टॉप रही छात्रा को शराब पिलाकर गैंगरेप मामले में 3 साल बाद गुरुवार को नारनौल की क्राइम अगेंस्ट वूमेन स्पेशल कोर्ट ने 3 युवकों को दोषी करार दिया है। जबकि 5 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। न्यायाधीश मोना सिंह की अदालत तीनों को शुक्रवार को सजा सुनाएगी।
क्या था मामला: 12 सितंबर 2018 को कोसली क्षेत्र की रहने वाली छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात हुई थी। पीड़ित छात्रा उस दिन अपने घर से कनीना में कोचिंग के लिए गई थी। कनीना बस स्टैंड से मुख्य आरोपी नीशू फोगाट, पंकज फौजी और मनीष ने उसे कार में अगवा कर लिया था। पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर उसे बेहोश किया। बेहोशी की हालत में वो उसे एक सुनसान जगह घर में ले गए, जहां तीनों युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया। उसके बाद लड़की दोबारा कनीना छोड़कर फरार हो गए थे।
रेवाडी हुई एफआईआर: रेवाड़ी में जीरो एफआईआर दर्ज करके कनीना थाने भेजी गई। रेवाड़ी गैंगरेप का यह मामला कई दिनों तक देशभर में सुर्खियों में रहा, जिसके चलते रेवाड़ी पुलिस की भी काफी किरकिरी हुई थी। इस मामले में तत्कालीन रेवाड़ी महिला थाना प्रभारी और कनीना थाना प्रभारी को सस्पेंड करने के साथ ही रेवाड़ी के तत्कालीन एसपी राजेश दुग्गल का भी तबादला कर दिया गया था।
आरोपियों को दबोचा:
मामले की जांच के लिए सीनियर आईपीएस अफसर नाजनीन भसीन के नेतृत्व में SIT गठित की गई थी। 4 दिन बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी नीशू फोगाट को गिरफ्तार किया था। उसके बाद मनीष व पंकज फौजी सहित दीनदयाल, नवीन, अभिषेक, मनजीत व संजीव को गिरफ्तार किया गया था। दुष्कर्म करने वाले कमरे के मालिक दीनदयाल, नवीन, अभिषेक, मनजीत व संजीव को बरी कर दिया गया है।
कई दिन अस्पताल में भर्ती रही थी पीड़िता:
गैंगरेप की जघन्य वारदात को इसी से समझा जा सकता है कि लड़की की हालत बहुत खराब हो गई थी। कई दिनों तक पीड़िता का रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में इलाज चला था। पीड़िता का हालचाल जानने के लिए देशभर के नेताओं का रेवाड़ी में जमावड़ा लग गया था।