धारूहेड़ा: पंचायत विभाग की ओर से 50 लाख खर्च कर नया जोहड़ बनाने के बावजूद खरखडा के लोगो को गंदे पानी से राहत नहीं मिल पाई। एनजीटी में चल मामले को लेकर जिला प्रशासन को फटकार के बाद मंगलवार को एसडीएम रेवाड़ी, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व बीडीपीओ सहित अन्य कर्मचारी गांव पहुंचे तथा जोहड व गांव के पीने के पानी के सैंपल लिए।Dharuhera: ठेकेदार की लापरवाही ने ली कर्मचारी की जान, लोगों का गुस्सा फूटा
एनजीटी को दी गई शिकायत में खरखडा के रहने वाले प्रकाश यादव ने बाया कि घरों से निष्कासित पानी जो वर्षो से आबादी के बीचोंबीच नालियों के माध्यम से पुराने जोहड़ मे डाला जा रहा है, जिसकी वजह से जोहड़ के आसपास स्थिति ग्रामीणों को जलवायु प्रदूषण की समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है।Haryana: रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ASI गिरफ्तार
इस समस्या को लेकर वर्ष 2018 मे करीब आबादी से दूर नए जोहड़ को मंजूरी दिलाने के साथ ही करीब 50 लाख खर्च कर नया जोहड़ बना भी दिया लेकिन अधिकारियों मे आपसी तालमेल की कमी के चलते आज भी यह कार्य अधूरा पड़ा है। आलम यह है अब गांव का पानी भी पीने लायक नहीं रहा है।छात्रों ने गुरुद्वारे जाकर माता टेका और की अरदास
एनजीटी के आदेश पर हुई कार्रवाई: 26 नवम्बर को रेवाडी प्रशासन को जोहड का मौका मुआयना टीम के साथ निरीक्षण किये जाने का आदेश जारी हुआ। लेकिन विभाग ने शिकायतर्कता को सूचना न देकर चुपचाप मामले को दबा दिया है। अब एनजीटी के आदेश पर मंगलवार को गांव के जोहड के सेंपल लिए है ताकि आगे कार्रवाई की जा सके।
लिए गए है सेंपल: एनजीटी के आदेश पर जनस्वास्थ्य विभाग ने पीने के पानी के तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जोहड के सेंपल लिए है। सेंपल रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
हरिश शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रेवाडी