अलवर: यहां की एमआईए स्थित अशोक लीलैंड कंपनी में काम करने वाले सैकड़ों ठेका कर्मी शुक्रवार को काम बंद कर विरोध पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि मोबाइल पर 11 हजार रुपए सैलरी मिलने का वेतन आता है और खाते में 7 हजार 600 रुपए जमा होते हैं। महीने में 15 दिन ही काम मिलता है। जितने दिन काम उतना पैसा मिलता है। बहुत बार तो कंपनी पहुंचने के बाद वापस लौटना पड़ता है। यह श्रमिकों के साथ शोषण है। इसके विरोध में काम बंद कर दिया और कंपनी के गेट पर विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
ठेका कर्मियों को नहीं मिल रहा पूरा पैसा:
सुनील जांगिड़ व प्यारे लाल चौधरी ने बताया कि कंपनी की तरफ से ठेकादार को श्रमिकों के 14 हजार रुपए मिलते हैं। लेकिन ठेकदार के जरिए आधा ही पैसा मिलता है। हमारी मांग है कि श्रमिकों ककी सैलरी कम से कम 13 रुपए होनी चाहिए। अभी तो 7 हजार रुपए मिलते हैं। इसके अलावा काम बंद होने पर सैलरी काट ली जाती है। वो नहीं हो। ऐसी स्थिति में श्रमिकों के सामने परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। हमारी मांगे नहीं माने जाने तक काम नहीं करेंगे। इसी तरह हड़ताल व विरोध जारी रहेगा।
खाना भी घटिया मिल रहा
ठेकाकर्मियों का खाना भी घटिया होता है। कंपनी में अब अत्याचार अधिक होने लग गया है। एचआर व मैनेजमेंट मनमर्जी से ठेकाकर्मियों का पैसा कटौती करते हैं। इसस पैसे में भ्रष्टाचार जारी है। हमारे मांगे पूरी नहीं करने तक काम बंद ही रखा जाएगा।