Dussehra : दशहरा या विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता हैI इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर के दिन शाम को 5:44 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3:14 मिनट पर होगाI उदया तिथि के अनुसार, दशहरा का त्योहार इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हर साल दशहरा का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता हैIइंतजार खत्म: हरियाणा में इस दिन होगी CET परीक्षा
दशहरे पर इस पक्षी का दिखना है अति शुभ
दशहरे के दिन नीलकंठ भगवान के दर्शन करना अति शुभ माना जाता है। दशहरे पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन होने से पैसों और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। मान्यता है कि यदि दशहरे के दिन किसी भी समय नीलकंठ दिख जाए तो इससे घर में खुशहाली आती है और वहीं, जो काम करने जा रहे हैं, उसमें सफलता मिलती है।
शस्त्र पूजन मुहूर्त (Dussehra 2023 Shastra Puja)
दशहरा के दिन कई जगहों पर शस्त्र पूजा करने का भी विधान है। दशहरा के दिन शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में की जाती है। ऐसे में दशहरे के दिन यानी 24 अक्टूबर को शस्त्र पूजा का शुभ समय दोपहर 01:58 मिनट से दोपहर 02:43 मिनट तक रहेगा।
रावण दहन मुहूर्त (Dussehra 2023 Ravan Dahan Time)
दशहरा के दिन लंकापति रावण और उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है। पुतलों का दहन सही समय में किया जाए, तो ही शुभ माना जाता है। विजयदशमी के दिन यानी 24 अक्टूबर को पुतलों के दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय शाम 05:43 मिनट से लेकर ढाई घंटे तक होगा।हेमचंद्र विक्रमादित्य की स्मृति पर डाक टिकट जारी, रेवाड़ी व पानीपत में बनेगा स्मारक स्थल
दशहरा तिथि (Dussehra 2023 Muhurat)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर के दिन शाम को 5:44 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3:14 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार दशहरा का त्योहार इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
दो शुभ योग (Dussehra 2023 Shubh Yoga)
इस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन रवि योग सुबह 06:27 मिनट से दोपहर 03:38 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शाम 6:38 मिनट से 25 अक्टूबर को सुबह 06:28 मिनट तक यह योग रहेगा. वहीं, दशहरा पर वृद्धि योग दोपहर 03:40 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा।हेमचंद्र विक्रमादित्य की स्मृति पर डाक टिकट जारी, रेवाड़ी व पानीपत में बनेगा स्मारक स्थल
मांगलिक कार्यों के लिए शुभ
दशहरा या विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है, इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारी माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ माने गए हैं।Festival Sale से पहले ही Amazon देगा 1 लाख लोगों को रोजगार, जानिए कैसे ओर कहां ?
पूजन विधि (Dussehra Puja Vidhi)
दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठकर, नहा-धोकर साफ कपड़े पहने और गेहूं या चूने से दशहरे की प्रतिमा बनाएं। गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाकर, एक कटोरी में सिक्के और दूसरी कटोरी में रोली, चावल, जौ व फल रखें। अब प्रतिमा को केले, जौ, गुड़ और मूली अर्पित करें. यदि बहीखातों या शस्त्रों की पूजा कर रहे हैं तो उन पर भी ये सामग्री जरूर अर्पित करें।
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