Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत गंभीर हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 23 नवंबर को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 396 दर्ज किया गया जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। AQI.in की माने तो इस हवा में सांस लेना लगभग 11.8 सिगरेट पीने के बराबर नुकसानदायक होता है।
दिल्ली के आसपास के शहरों में स्थिति और भी चिंताजनक है। नोएडा में सुबह 5 बजे AQI 413 तक पहुंच गया जबकि गाजियाबाद में यह 432 था। गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता खराब रही और AQI 264 दर्ज किया गया।
दिल्ली के कुछ प्रमुख इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है। मैदान गढ़ी में AQI 734, अशोक विहार में 702, बुराड़ी में 629, और ग्रेटर नोएडा में 607 तक पहुंच गया। इसके अलावा रोहिणी, वसंत कुंज, और द्वारका सेक्टर-8 जैसे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप में है।
CPCB के मानक के अनुसार, AQI 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। 51 से 100 तक का स्तर संतोषजनक होता है। 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बेहद खराब, और 401 से 500 गंभीर प्रदूषण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
दिल्ली में PM2.5 प्रदूषण का स्तर 331 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया है, जो WHO की सीमा से लगभग 22 गुना ज्यादा है। PM2.5 कण हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर, स्ट्रोक और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
हालांकि, पराली जलाने की घटनाओं में कुछ कमी आई है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में मात्र 1 और पंजाब में 3 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में 522, मध्य प्रदेश में 607, और राजस्थान में 21 घटनाएं हुईं। 15 सितंबर से 23 नवंबर के बीच कुल 27,720 पराली जलाने की घटनाएं 6 राज्यों में दर्ज हुई हैं।
वायु प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को देखते हुए लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। मास्क का उपयोग करें, अनावश्यक बाहर निकलने से बचें और सरकार की ओर से जारी सलाहों का पालन करें।

















