ED के सामने आज भी नहीं पेश होंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal : जानिए आगे क्या होगा

सात बार भेजे जा चुके हे समन ओर कब पेश नहीं होगे सीएम अरविंद केजरीवाल
 Arvind Kejriwal :  दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने  Delhi Chief Arvind Kejriwal दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को सात बार समन भेजा चुका है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशायल को आठवी बार भेजे गए समन पर जवाब भेजा है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईडी की जांच में शामिल होंगे। दिल्ली पुलिस को मिली बडी सफलता: Nafe Singh Rathiके दो हत्यारे गोवा में दबोचे, जानिए किस गेंग से जुडे है दोनो KEJRIWAL

जानिए कब आए थे समन Arvind Kejriwal

पहले 22 फरवरी को भी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा था। लेकिन केजरीवाल सातवें समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इससे पहले बीती साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 14 फरवरी और 22 फरवरी को भी ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी।  

फिर मांगी नई तारिख Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal

27 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आठवां समन भेजा था। उन्होंने कहा है कि यह समन गैरकानूनी है। लेकिन मैं आपके सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं। अरविंद केजरीवाल ने ईडी से 12 मार्च के बाद नई तारीख मांगी है। Crime News: Haryana के हिसार में बेटे ने ले ली बाप की जान, जानिए क्या था कसूर ?   केजरीवाल ने कहा था कि अगर अदालत इस संबंध में आदेश देगी तो वह प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होंगे। समन पर केजरीवाल के पेश नहीं होने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने शहर की एक अदालत का रुख किया, जिस पर अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 16 मार्च को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।  

जानिए क्या आरोप, जिसके लिए जारी हो है समन Arvind Kejriwal

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गड़बड़ी के चलते शराब नीति को रद्द कर दिया था और सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ईडी ने भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में मामला दर्ज किया था। Haryana News Political: विधानसभा में कांग्रेस का किसके साथ होगा समझोता, यहां आया बडा अपडेट आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया।