हरियाणा में अपराधियों की अब खैर नहीं है। “चिह्नित अपराध पहल” के तहत अब तक 1,683 जघन्य मामलों को फास्ट-ट्रैक कर उच्च स्तर पर निगरानी में लाया गया है। इतना ही नहीं हरियाणा में एक बडा फैसला सुनाया है। बलात्कार के दोषी को मौत की सजा सुनाई है।
हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि चिह्नित अपराधों में कई जिलों में सजा दर 95% से अधिक पहुंच गई है। “चिह्नित अपराध पहल” के तहत अब तक 1,683 जघन्य मामलों को फास्ट-ट्रैक कर उच्च स्तर पर निगरानी में लाया गया है।
मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. मिश्रा ने बताया कि हरियाणा ने आधुनिक तकनीक, उन्नत फोरेंसिक सुविधाओं और नए कानूनों के तहत अधिकारियों को दिए गए प्रशिक्षण के दम पर न्याय व्यवस्था में एक नया मॉडल पेश किया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा अब न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर मानक तय कर रहा है, बल्कि देश की न्यायिक सुधार प्रक्रिया में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
हरियाणा में लागू हुए नए आपराधिक कानूनों और तेज न्याय प्रक्रिया की बदौलत एक नाबालिग से बलात्कार के मामले में सिर्फ 140 दिनों में दोषी को मौत की सजा सुनाई गई है। हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि कई गंभीर आपराधिक केस ऐसे भी रहे हैं जो 20 दिनों से कम समय में निपटा दिए गए।
साफ जाहिर है अपराधियों का अब किसी भी कीमत नही बख्शा जाएगा। पुलिस की “चिह्नित अपराध पहल” के तहत अब तक 1,683 जघन्य मामलों को फास्ट-ट्रैक कर उच्च स्तर पर निगरानी में लाया गया है।

















