रेवाड़ी: जिला परिषद की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जिला प्रमुख मनोज यादव की कुर्सी पर करीब तीन साल बाद खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक, जिला परिषद के एक दर्जन से अधिक पार्षद जिला प्रमुख से नाराज चल रहे हैं और जल्द ही बड़ा कदम उठा सकते हैं। विरोधी गुट की निगाहें अब 2 सितंबर को होने वाली जिला परिषद की बैठक पर टिकी हैं, जिसे लेकर चर्चाएं काफी गर्म हो गई हैं।Political News
जिला प्रमुख के खिलाफ बढ़ा विरोध
करीब तीन वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थन से वार्ड नंबर 14 से विजयी हुए मनोज यादव को जिला प्रमुख चुना गया था, जबकि वार्ड नंबर 18 से विजयी राव समर्थक अनिल रायपुर की पत्नी नीलम को उप जिला प्रमुख बनाया गया था। उस समय 18 में से 14 पार्षदों ने सर्वसम्मति से दोनों के चुनाव पर मुहर लगाई थी। हालांकि, पार्षद विनोद गोला, मनीराम यादव, सुरेंद्र माडिया और बलजोर ने विरोध दर्ज कराया था।
अब हालात बदल चुके हैं। जिला प्रमुख के समर्थक माने जाने वाले कई पार्षद भी उनसे नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि करीब 11 पार्षदों ने शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर अपनी असहमति दर्ज करा दी है। इन नाराज पार्षदों ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से कई बार मुलाकात भी की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने से नाराजगी और बढ़ गई है।
मनीराम और राव विरोधी खेमा सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि जिला पार्षद मनीराम यादव भी पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। मनीराम पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। यही नहीं, राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक विरोधी भी अब सक्रिय होकर इस बगावत को मजबूती देने में जुट गए हैं।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि अगर बागी पार्षद एकजुट रहे तो तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है। यहां तक कि राव इंद्रजीत सिंह के करीबी पार्षदों के भी खेमा बदलने की अटकलें हैं।Political News
अब सबकी निगाहें 2 सितंबर की अहम बैठक पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि जिला प्रमुख मनोज यादव अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या विरोधियों की चाल भारी पड़ेगी।Political News

















