Haryana news: FASTag से छुटकारा पाने के लिए करें ये काम, बार-बार टोल टैक्स नहीं पड़ेगा देना

मंत्री गडकरी ने बताया कि सरकार निजी वाहनों के लिए मासिक और वार्षिक पास लाने पर विचार कर रही है। इससे वे बार-बार टोल टैक्स का भुगतान करने से बच सकेंगे
Haryana news: फास्टैग से छुटकारा पाने के लिए करें ये काम, बार-बार टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा

Haryana news: केंद्र सरकार ने वाहन मालिकों को टोल टैक्स से राहत देने का एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 15 जनवरी 2025 को घोषणा की कि सरकार अब निजी वाहनों से टोल टैक्स वसूलने के स्थान पर मासिक और वार्षिक पास पेश करने पर विचार कर रही है। उनका कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह में निजी वाहनों का हिस्सा केवल 26 प्रतिशत है, जबकि 74 प्रतिशत टोल राजस्व वाणिज्यिक वाहनों से आता है। इस कारण सरकार ने अब इस मुद्दे पर विचार करना शुरू किया है।

गांवों में टोल बूथ के स्थान पर नई योजना

नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के लिए टोल बूथों को गांवों से बाहर स्थापित करने पर विचार कर रही है ताकि ग्रामीणों के यातायात में कोई रुकावट न हो। इससे गांवों के लोगों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी और उनके सफर में कोई विघ्न नहीं आएगा।

मासिक और वार्षिक पास का प्रस्ताव

मंत्री गडकरी ने बताया कि सरकार निजी वाहनों के लिए मासिक और वार्षिक पास लाने पर विचार कर रही है। इससे वे बार-बार टोल टैक्स का भुगतान करने से बच सकेंगे। यह कदम, खासकर उन नागरिकों के लिए लाभकारी साबित होगा जो नियमित रूप से यात्रा करते हैं। इसके साथ ही, यह नई व्यवस्था सरकार के लिए भी फायदेमंद होगी क्योंकि इससे टोल संग्रह में कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि निजी वाहनों का टोल संग्रह में हिस्सा केवल 26 प्रतिशत है।

GNSS प्रणाली का कार्यान्वयन

गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर जीएनएसएस (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) आधारित टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने की योजना बना रही है। इस प्रणाली के तहत टोल टैक्स की वसूली तेज़ और अधिक पारदर्शी होगी। FASTag को इस प्रणाली के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे टोल संग्रह की प्रक्रिया और भी आसान और किफायती हो सकेगी। गडकरी ने बताया कि इस प्रणाली की शुरुआत पहले बेंगलुरू-मैसूर और पानीपत-हिसार राष्ट्रीय राजमार्गों पर की गई थी, और इसे सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।

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टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम से राहत

नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि इस नई प्रणाली के लागू होने से टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम की समस्या को कम किया जा सकेगा। 2018-19 में वित्तीय वर्ष के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों का औसत इंतजार समय आठ मिनट था, लेकिन FASTag के लागू होने के बाद यह समय घटकर केवल 47 सेकंड रह गया। हालांकि, कुछ स्थानों पर अब भी भीड़भाड़ होती है, खासकर शहरों के पास के अधिक आबादी वाले इलाकों में, जहां पिक आवर्स के दौरान थोड़ा इंतजार करना पड़ता है।

टोल टैक्स की वसूली प्रणाली में सुधार

जीएनएसएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली से उम्मीद की जा रही है कि ट्रैफिक जाम में कमी आएगी और केवल यात्रा किए गए वास्तविक दूरी के हिसाब से टोल लिया जाएगा। इससे वाहन मालिकों को टोल पर बेवजह खर्च नहीं करना पड़ेगा। यह प्रणाली और FASTag के साथ टोल संग्रह को और अधिक सुगम और पारदर्शी बनाएगी।

FASTag का प्रभाव

FASTag के लागू होने से टोल प्लाजा पर वाहन मालिकों को राहत मिली है। यह प्रणाली स्वचालित रूप से टोल टैक्स वसूल करती है, जिससे टोल प्लाजा पर वाहन जल्दी गुजर जाते हैं और ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है। गडकरी ने बताया कि FASTag के लागू होने के बाद से वाहनों की प्रतीक्षा समय में काफी कमी आई है, जिससे यात्रियों को कम समय में अपनी यात्रा पूरी करने का मौका मिलता है।

नई योजना के तहत टोल टैक्स वसूली की प्रक्रिया को और भी सुगम, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मासिक और वार्षिक पास का विकल्प और जीएनएसएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली से न केवल वाहन मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि यातायात में भी सुधार होगा। इसके साथ ही, सरकार के लिए भी टोल संग्रह को बेहतर तरीके से प्रबंधित करना संभव होगा, जिससे समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।