PM MODI: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज Vertical Lift Span Railway Bridge का उद्घाटन किया। इसका नाम पम्बन ब्रिज Pamban Bridge है। इस नव निर्मित ब्रिज की लंबाई 2.08 किमी है। इस ब्रिज की नींव करीब छह साल पहले नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।
ब्रिज रामेश्वरम (पम्बन द्वीप) को भारत की मुख्य भूमि तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस पुल को डबल ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए डिजाइन किया गया है ताकि आने वाले समय में यहां से पुल के माध्यम से ट्रेनें भी गुजर सके।
स्टील से बने इस नवनिर्मित पुल पर पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गई है, जो इसे जंग और समुद्र के नमकीन पानी से बचाएगी। यहां वर्णनीय है कि सरकार ने पुराना पुल 2022 में जंग लगने की वजह से बंद कर दिया गया था। इसके बाद से रामेश्वम और मंडपम के बीच रेल कनेक्टिविटी खत्म हो गई थी। लेकिन नए पुल का निर्माण होने से एक बार फिर से रेलवे कनेक्टिविटी का रास्ता खुल गया है।
पौराणिक ग्रंथ रामायण के अनुसार, रामसेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था। लंका युद्ध के दौरान चढ़ाई करते समय भगवान राम ने वानरों की सेना की मदद से पत्थरों से यहां पुल बनाया था। इस वजह से ये आस्था के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु में 8300 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत के विभिन्न रेल और सड़क प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
5 मिनट में ऊपर उठ जाता है पुल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए इस नए पम्बन ब्रिज 100 स्पैन यानी हिस्सों से मिलकर बनाया गया है। जब समुद्री जहाज को निकलना होता है तो इस नेविगेशन ब्रिज (समुद्री जहाजों के लिए खुलने वाले ब्रिज) का सेंटर स्पैन (बीच वाला हिस्सा) ऊपर उठ जाता है।
यह Pamban Bridge पुल इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम पर काम करता है। इस वजह से इसका सेंटर स्पैन सिर्फ 5 मिनट में 22 मीटर तक ऊपर उठ सकता है। इसके लिए सिर्फ एक आदमी की जरूरत होगी जो रिमोट के द्वारा इस पुल को खोल व बंद कर देगा। वहीं, पुराना पुल कैंटिलीवर पुल था। इसे लीवर के जरिए मैन्युअली खोला जाता था, जिसमें 14 लोगों की जरूरत होती थी तथा इसे खोलने व बंद करने में समय अधिक लगता था।
हालांकि यह भी उल्लेखनीय है कि समुद्री हवा की गति 58 किमी प्रति घंटे या उससे ज्यादा हो जाने पर वर्टिकल सिस्टम काम नहीं करेगा और ऑटोमैटिक रेड सिग्नल हो जाएगा। ऐसी स्थिति में पुल उपर नहीं होगा। हवा की गति सामान्य होने तक ट्रेन की आवाजाही बंद रहेगी। ऐसा अक्सर अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है। इन महीनों में समुंद्र में तेज हवाएं चलती हैं। पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए इस Pamban Bridge से विकास के नए युग का सूत्रपात्र हुआ है।
















