Panipat News: शहर की जगह-जगह टूटी सड़कों से उड़ रही धूल लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल बना रही है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि आम नागरिकों को खुले में कुछ देर रुकना भी भारी पड़ रहा है। शहर का AQI स्तर 370 के पार पहुंच गया है, जो बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है। सेक्टर-25, सेक्टर-29 और औद्योगिक क्षेत्रों में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। टूटी सड़कों, निर्माण कार्य और फैक्ट्रियों से निकल रहा काला धुआं शहर के ऊपर धुंध की मोटी परत बनाकर मंडरा रहा है। तापमान में गिरावट और हवा की गति कम होने से हवा में फैले प्रदूषक जमने लगे हैं, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं।
शहर में मुख्य सड़कों — गोहाना रोड, सेक्टर 11-12, असंध रोड और पुराने औद्योगिक क्षेत्र — पर धूल सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। सड़क खुदाई, निर्माण कार्य, अधूरे मरम्मत कार्य और अस्थाई रूप से गड्ढों में मिट्टी डालने जैसी कच्ची व्यवस्था धूल को हवा में फैला रही है। नगर निगम के पानी छिड़काव और सफाई के दावे कागजों तक ही सीमित हैं। कई इलाकों में लोगों का कहना है कि हफ्तों से सड़क सफाई नहीं हुई। एंटी-स्मॉग गन खरीदी गईं, लेकिन चल नहीं रहीं। पानी के टैंकरों से छिड़काव अनिवार्य किया गया है, लेकिन धूल का स्तर बता रहा है कि काम कितना कमजोर है। कारखानों के प्रदूषण पर भी कोई निगरानी नहीं हो रही और चालान करने वाली टीमें भी नदारद हैं।
धूल, स्मॉग और जहरीली हवा से बढ़ी स्वास्थ्य समस्याएँ
स्मॉग और धूल की मोटी परत ने लोगों की दिनचर्या प्रभावित कर दी है। सरकारी और निजी अस्पतालों में सांस लेने में दिक्कत, एलर्जी, आँखों में जलन और खांसी के मरीज बढ़ने लगे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है, इसलिए खासकर बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान में तेजी से हो रहे बदलाव ने प्रदूषण को और अधिक खतरनाक बना दिया है। ठंड बढ़ने से हवा की रफ्तार घट जाती है, जिससे प्रदूषक जमीन के पास ही जम जाते हैं और वातावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं।
सुबह के समय शहर में धुंध के साथ धुआं मिला हुआ दिखाई देता है, जो सांस लेने में गंभीर समस्या पैदा कर रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले सप्ताह तापमान सामान्य से भी नीचे जा सकता है, जिससे वायु गुणवत्ता और खराब होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मौसम में प्रदूषण हवा में फंस जाता है और ऊपर नहीं उठ पाता, जिससे बच्चों, वृद्धों और दमा के रोगियों के लिए खतरा कई गुना बढ़ जाता है। दिनभर का AQI भी खतरे की घंटी बजा रहा है — सुबह 7 बजे 364, 8 बजे 375, 9 बजे 338, दोपहर होते-होते 211 तक गिरा लेकिन शाम 5 बजे फिर 189 तक पहुंच गया। यह साफ संकेत है कि शहर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है और प्रशासनिक प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।

















