Katha news: विश्व सनातन धर्म सेवा ट्रस्ट की ओर से रेवाड़ी में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथामृत के तीसरे दिन जगन्नाथ संस्कृति के प्रकांड विद्वान एवं भविष्य मालिक पुराण के रचयिता परम पूज्य डॉ पंडित काशीनाथ मिश्रा ने भारत को लेकर कई बड़ी भविष्यवाणिया कर डाली। डॉ काशीनाथ मिश्र ने साल 2032 में कलयुग के अंत और सतयुग के शुरुआत को लेकर कहा कि आने वाले 6 सालों में भारत में भारी अकाल पड़ेगा। संसार भर में केवल 7 प्रतिशत लोग ही बचेंगे और जहां तक भारत का सवाल है तो भारत में सिर्फ 33 करोड लोगों की आबादी रहेगी।
डॉ काशीनाथ मिश्र यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अब तीसरा विश्व युद्ध होने में भी ज्यादा समय बाकी नहीं बचा है। केवल धर्म पर चलने वाले लोग ही इस पृथ्वी पर रहेंगे। डॉ काशिनाथ मिश्र आज रेवाड़ी के गढ़ी बोलनी रोड स्थित अग्रवाल भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा से पूर्व यहां आयोजित पत्रकारवार्ता में बोल रहे थे।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ काशीनाथ मिश्र ने कहा कि कलयुग के अंत में जब धरती पर अधर्म और पाप अपनी चरम सीमा पर होंगे, तब भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे, जो दुष्टों का संहार कर धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे, जिसके बाद एक नया सतयुग शुरू होगा। इस दौरान पृथ्वी पर मौसम और मानवीय आचरण में भयंकर बदलाव (जैसे कम उम्र, अन्न की कमी, बढ़ती गर्मी और समाज में अराजकता) देखने को मिलेंगे, जिसके बाद प्रलय और फिर नई सृष्टि का आरंभ होगा।
उन्होंने कहा कि भविष्य मालिका को महाप्रभु के आदेशानुसार संत श्री अच्युतानंद दास सहित उनके पंचसखा ने लिखा था। भविष्य मालिका में भविष्य मे घटने वाली सभी घटनाओं का उल्लेख मिलता है। यह ग्रंथ 600 वर्ष पूर्व 15वी और 16वी शताब्दी के बीच वैष्णव समुदाय मे अच्युतानंद महराज ने भविष्यवाणीयाँ करके एक ग्रंथ लिखा। इसे आज हम भविष्य मालिका के नाम से जानते है। अच्युतानंद दास द्वारा रचित इस ग्रंथ में भविष्यवाणियाँ की गई है, जो ताड़ के पत्तो पर लिखी गई थी।
भविष्य मालिका में कलयुग में भूचाल, अकाल, विस्फोट, युद्ध के साथ कई देशो के बारे में भविष्यवाणि की गई है। भविष्यवाणियां कब घटित होगी, ऐसे संकेत भविष्य मालिका में दिए गए है। भविष्य मालिका में मूल जगन्नाथ मंदिर की भविष्वाणियों से घटित होने वाली घटनाओ के आधार पर विश्व की घटनाओं का वर्णन किया गया है। इसमें कलयुग के अंत में घटने वाली घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है।
भागवत कथा के तीसरे दिन बावल से विधायक डॉ कृष्ण कुमार अपनी टीम के साथ भगवान जगन्नाथ की चरण वंदना करने पहुंचे। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत कोई साधारण पुस्तक नहीं, बल्कि वह महापुराण है, जिसके सुनने मात्र से समस्त पापों का नाश हो जाता है, लेकिन शर्त यह है कि इसे सुनने के बाद हम सभी को इसे आत्मसात करते हुए उन सभी बातों का अनुसरण भी करना होगा, जिससे हमारा उद्धार हो।
कार्यक्रम में पहुंचने पर डॉ काशीनाथ मिश्र ने विधायक का पटका पहनाकर स्वागत किया।
रेवाड़ी में पहली बार हो रही जगन्नाथ संस्कृति पर आधारित श्रीमद्भागवत कथा में पहुंचे श्रद्धालु इतने भाव विभोर हो गए कि भक्तिरस में जमकर झूम उठे और कार्यक्रम के दौरान जय जगन्नाथ और जय श्री माधव के जमकर जयघोष लगे।
इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि हरियाणा की पावन धरा पर रेवाड़ी से पहली बार विश्व शांति के लिए भगवान महाविष्णु के वैष्णव यज्ञ का आरंभ किया गया। सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में किए गए इस महायज्ञ में मुख्य यजमान नवीन भुराड़िया व रितु भुराड़िया के अलावा बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तों ने आहुति डाली।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य आयोजक नवीन भुराड़िया, रीतू भुराड़िया, निक्कू अग्रवाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, जोगध्यान प्रधान शिव कावड़ संघ, राजकुमार यादव, गोविन्द अग्रवाल, राजेंद्र जांगड़ा, ईश्वर तनेजा, सुरेन्द्र सिंह यादव, मनोज कालरा, संयम भुराड़िया, मंजू भुराड़िया, उमा अग्रवाल, प्रतिभा महेश्वरी, नीना अग्रवाल, रेखा शर्मा, इंद्रमणि देवी, नैना डाटा, शिल्पी परवाल व सुमन परवाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

















