बागियो को मनाने मे जूटी भाजपा, फूंक फूंक कर रही कदम, ताकि नहीं हो कोई चूक
Haryana Political News : हरियाणा के रेवाड़ी विधानसभा का चुनाव एक बार फिर चर्चा में आ गया है। भाजपा से टिकट को लेकर बागी हुए व भाजपा से निष्कासित Ex-MLA कापडीवास को बुलाकर दोबारा से सदस्यता दिलाने का लेकर भाजपा की एक बडी वजय सामने आई है। भाजपा किसी भी कीमत यह सीट खोना नहीं चाहती है।
भाजपा खेल रही बडा खेल: पिछली बार भाजपा की फूट के चलते ही हार मिली थी। टिकटो के वितरण को लेकर मनमानी से खपा रेवाडी के विधायक रणधीर की बगावत ही भाजपा की हार का कारण बनी थी। भाजपा नहीं चाहती कि इस बार फिर से यही गलती दोहराई जाई। इसी के चलते भापजा अपने पुराने व रूठे सभी पूर्व विधायको को मनाने मे लगी हुई है।
वापसी होती मची है अफरा तफरी: करीब साढ़े 4 साल निष्कासित रहने के बाद 4 फरवरी को रणधीर सिंह कापड़ीवास ने BJP में वापसी की है। कापड़ीवास को गुरुग्राम से मौजूद सांसद और अहीरवाल से बड़े नेता राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी माना जाता है। इसी आपसी खींचतान के कारण BJP 2019 के विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी सीट हार गई थी। क्योंकि कापड़ीवास ने टिकट कटने पर बागी होकर चुनाव लड़ा। भाजपा की फूट व कापडीवास के बागी का फायदा कांग्रेस को मिल गया था।
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इस बार आसान है रेवाडी की डगर: पिछली बार भाजपा की बगावत को रेवाडी से कांग्रेस चिंरजीवराव को जीत मिल गई थी। कांग्रेस से इस बार भी चिरजीव राव चुनाव लडेगें। ऐसे में इस बार बार भाजपा फूंक फूंक कदम रही है ताकि बगावत का कांग्रेस को फायदा नही हो।
कमल के निशान की मदद करूंगा: कापड़ीवास ने पार्टी में फिर से वापसी पर भी खुलकर बात की। पूर्व विधायक ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष ने हमें बुलाया और हम पार्टी जॉइन करने चले गए। जो बिछड़ जाता है, उन्हें मनाया जाता है। तभी ताकत मिलती है। अब चाहे कोई भी हो, जो कमल के निशान पर लड़ेगा, मैं उसकी मदद करूंगा।