Haryana News: फतेहाबाद जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति ने एक नई पहल शुरू की है जिसका नाम है ‘आन काल डॉक्टर सिस्टम‘। इसके तहत एनेस्थेटिस्ट, पीडियाट्रिशियन और गायनाकोलाजिस्ट जैसे निजी विशेषज्ञ डॉक्टरों को आपात स्थिति में सरकारी अस्पतालों में बुलाया जाएगा ताकि मरीजों को बेहतर और समय पर इलाज मिल सके। यह फैसला खासतौर पर उन इलाकों के लिए बहुत अहम माना जा रहा है, जहां स्थायी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी रहती है।
इस व्यवस्था में डॉक्टरों को उनके काम के अनुसार प्रति केस भुगतान किया जाएगा। यानी जितने मरीजों का वे इलाज करेंगे, उतनी ही रकम उन्हें दी जाएगी। इस प्रयोग की शुरुआत फतेहाबाद से हुई है और माना जा रहा है कि अगर यह सफल रहा तो पूरे हरियाणा में इसे लागू किया जाएगा।
ग्रामीण और छोटे अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। कई बार अच्छे डॉक्टर्स की कमी के कारण मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाता। इस नए सिस्टम से अस्पतालों में सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर इलाज मिल सकेगा। यह एक व्यावहारिक और कारगर तरीका माना जा रहा है जो मरीजों के लिए राहत लेकर आएगा।
हालांकि इस व्यवस्था से यह भी साफ हो जाता है कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी कितनी गंभीर है। सरकारी सेवा को पूरा भरोसा न होने के कारण ही प्राइवेट डॉक्टरों को बुलाकर उन्हें भुगतान करने की व्यवस्था करनी पड़ रही है। यह स्थिति हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा की वास्तविक समस्या को उजागर करती है।
आशा की जा रही है कि ‘आन काल डॉक्टर सिस्टम’ से मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। साथ ही यह मॉडल दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा बन सकेगा।
















