Haryana News: केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सिख समुदाय के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 9 नवंबर 2019 को करतारपुर कॉरिडोर के इंटीग्रेटेड चेक-पोस्ट का उद्घाटन इसका एक बड़ा उदाहरण है। इसके अलावा, देश के प्रमुख गुरुद्वारों और तख़्तों में पीएम मोदी की निरंतर उपस्थिति ने धार्मिक आस्था को और मजबूत किया है। इन पहलों से सीमावर्ती पवित्र स्थलों तक पहुंच आसान हुई और श्रद्धालुओं को बड़ा लाभ मिला।
किसान आंदोलन के बाद दूरी कम कर रहे हरियाणा के सीएम नायब सैनी
प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली से प्रेरणा लेते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सिख समुदाय के साथ जुड़े रिश्ते सुधारने और किसान आंदोलन के बाद बनी दूरी को बिना किसी हंगामे के कम करने का रास्ता अपनाया है। उनकी यह कोशिश राजनीतिक कम और मानवीय अधिक रही, जिससे समुदाय में यह संदेश गया कि सरकार टकराव नहीं बल्कि भरोसा बनाना चाहती है। इसी वजह से अक्टूबर 2025 में उन्हें ग्लोबल पंजाब एसोसिएशन का “शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड” मिला। इस अवसर पर उन्होंने गुरु तेग बहादुर के बलिदान पर आधारित ‘तिलक जांजू का राक्खा’ पुस्तक का भी विमोचन किया।
हरियाणा मॉडल की चर्चा पंजाब के गांवों में
सीएम सैनी की योजनाएं और किसानों के लिए उठाए गए कदम पंजाब के सीमावर्ती गांवों में भी चर्चा का विषय बन गए हैं। कई सिख परिवार कहते सुने गए कि “हमें नायब सिंह सैनी हरियाणा में मिला लें क्योंकि यहां किसानों के लिए योजनाएं पंजाब से बेहतर हैं।” यह प्रतिक्रिया उनकी कार्यशैली और किसान-समुदाय के प्रति उनके साइलेंट प्रयासों की पहचान है।
सिख परंपराओं और विरासत के प्रति सम्मान
सीएम सैनी की सरल पगड़ी, गुरुद्वारों में नियमित उपस्थिति और सांस्कृतिक सम्मान ने सिख समुदाय के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ाई है। वे केवल राजनीतिक नेता नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव पर भी काम कर रहे हैं। इसके अलावा, गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में विश्वस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
हरियाणा में सिख समुदाय की भूमिका
नायब सिंह सैनी सिखों को हरियाणा की सांस्कृतिक आत्मा का अहम हिस्सा मानते हैं। उनकी यह सोच सिख विरासत के संरक्षण और हरियाणा-सिख संबंधों को नई मजबूती दे रही है।

















