Haryana News: हरियाणा सरकार ने खांसी की दवा प्लैनोकफ डी सिरप पर बड़ा कदम उठाते हुए राज्यभर में इसके उपयोग और बिक्री पर रोक लगा दी है। औषधि नियंत्रक डॉ. ललित कुमार गोयल ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस दवा के सैंपल तुरंत एकत्र किए जाएं और बाजार में मौजूद स्टॉक को जब्त किया जाए। सरकार का कहना है कि यह फैसला जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
जांच में यह पाया गया कि प्लैनोकफ डी सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा 0.35% पाई गई, जबकि मानक सीमा केवल 0.1% तक ही होनी चाहिए। यह रासायनिक तत्व शरीर के लिए अत्यधिक हानिकारक है। इसका सेवन बच्चों में गुर्दे की खराबी, तंत्रिका तंत्र पर असर और यहां तक कि मृत्यु का खतरा भी पैदा कर सकता है। इसी वजह से सरकार ने इसे तुरंत प्रभाव से बाजार से हटाने का आदेश जारी किया है।
स्वास्थ्य मंत्री आरती राव का सख्त रुख
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने दवा निर्माण इकाइयों और व्यापारियों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अब सभी दवा निर्माता कंपनियों को अपने प्रोपिलीन ग्लाइकोल के प्रत्येक बैच का गैस क्रोमैटोग्राफी टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, बिना लाइसेंस वाले विक्रेताओं से किसी भी प्रकार की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
जनता की सुरक्षा पर सरकार की नजर
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में टीमों को सक्रिय कर दिया है जो बाजारों और मेडिकल स्टोर्स की जांच कर रही हैं। किसी भी दुकान पर प्लैनोकफ डी सिरप मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे इस दवा का उपयोग बंद कर दें और यदि उनके घर में यह मौजूद है तो उसे नष्ट कर दें।
बच्चों की सेहत पर सरकार की प्राथमिकता
सरकार ने स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी दवा कंपनी को मानकों से समझौता करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम न केवल प्लैनोकफ डी जैसी खतरनाक दवाओं को रोकने के लिए है बल्कि पूरे राज्य में औषधि नियंत्रण व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है।
















