Hapur-Delhi Ring Road: मेरठ में हापुर रोड से दिल्ली रोड तक, दिल्ली-दून बाईपास के माध्यम से रिंग रोड का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है। लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि जमीन अधिग्रहण का कार्य किस विभाग द्वारा किया जाएगा। मेरठ विकास प्राधिकरण (MEDA) और लोक निर्माण विभाग (PWD) एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे हैं, जिससे यह परियोजना अभी तक प्रभावित हुई है। इस विवाद के बीच, ऊर्जा राज्य मंत्री और क्षेत्रीय विधायक ने हस्तक्षेप किया और कमिश्नर को पत्र लिखकर जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया MEDA के द्वारा करने की मांग की। मंत्री का कहना है कि अब जमीन अधिग्रहण का निर्णय MEDA के जिम्मे कर दिया गया है।
MEDA बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया कि भूमि अधिग्रहण और रिंग रोड निर्माण का कार्य PWD द्वारा किया जाएगा। साथ ही, MEDA ने इस परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण में योगदान देने की सहमति दी, जबकि सरकार 62 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। रिंग रोड निर्माण के लिए लगभग 15 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी और रिंग रोड की एलाइन्मेंट सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है। लेकिन जमीन अधिग्रहण अभी भी लंबित है, जिसका मुख्य कारण वित्तीय विवाद और विभागीय जिम्मेदारी का उलझना है।
62 करोड़ रुपये की राशि बनी सबसे बड़ी बाधा
जमीन अधिग्रहण में सबसे बड़ी रुकावट 62 करोड़ रुपये की सरकारी राशि है। MEDA को डर है कि अगर वह अपने 100 करोड़ रुपये खर्च कर देती है और सरकार द्वारा वादे की गई 62 करोड़ रुपये की राशि समय पर नहीं मिलती, तो परियोजना में वित्तीय संकट उत्पन्न हो सकता है। इसी कारण भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी बार-बार बदलती रही। PWD भी इस राशि को लेकर आशंकित है, क्योंकि उनके पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है और बिना बजट के जमीन अधिग्रहण करना चुनौतीपूर्ण होगा।
आगे की योजना और उम्मीदें
ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि इस मामले को कमिश्नर से चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा। कमिश्नर भानु चंद्र गोस्वामी ने भी कहा कि सभी विभागों की बैठक बुलाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। अगर 62 करोड़ रुपये समय पर मिल जाते हैं, तो MEDA और PWD दोनों मिलकर रिंग रोड निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण और सड़क निर्माण कार्य शुरू कर सकते हैं। इस रिंग रोड के बन जाने से मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था सुधरेगी और सड़क सुरक्षा बढ़ेगी। जनता और उद्योग जगत दोनों को इस परियोजना का बेसब्री से इंतजार है।
















