Gurugram की पीने के पानी की जरूरतों को सुरक्षित करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत गुरुग्राम जल नहर को भू-तलीय पाइपलाइन में परिवर्तित किया जाएगा। यह परियोजना लगभग ₹2,100 करोड़ की लागत से पूरी की जाएगी और इसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। सिंचाई विभाग के अनुसार, वर्तमान में यह नहर जर्जर स्थिति में है और लगातार रिसाव के कारण पानी की बड़ी मात्रा बर्बाद हो रही है। इसी कारण सरकार ने इसे बंद पाइपलाइन में बदलने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के काम की शुरुआत जनवरी 2026 में होने की संभावना है।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद नहर पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी और इसकी जगह पाइपलाइन स्थापित की जाएगी। इससे न केवल पानी की बचत होगी, बल्कि गैरकानूनी कटौती और रिसाव को भी रोका जा सकेगा। पाइपलाइन बनने के बाद पानी की गुणवत्ता, दबाव और आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित होगी। वर्तमान में यह नहर खारखोड़ा (सोनीपत), थाना (झज्जर), निलोठी, जसोरखेड़ी और बहादुरगढ़ के कुछ गांवों में पानी सप्लाई करती है। पाइपलाइन प्रणाली लागू होने के बाद, गुरुग्राम केवल इसी पाइपलाइन से पानी प्राप्त करेगा और उपरोक्त क्षेत्रों के लिए एनसीआर वाटर चैनल से नए कनेक्शन की व्यवस्था करनी होगी।
सिंचाई विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि नहर की खराब स्थिति लगातार इसकी सेवा क्षमता को प्रभावित कर रही है। गर्मियों में पानी का दबाव कम होने के कारण पीने के पानी की कमी भी हो सकती है। नहर खुली होने के कारण प्रदूषण, गैरकानूनी कटौती और रिसाव आम समस्याएं रही हैं। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विभाग ने नहर को बदलने और नई पाइपलाइन लगाने की योजना बनाई, जिसे अब सरकार की मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना के तहत नहर को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जाएगा, नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी और गुरुग्राम के ट्रीटमेंट प्लांट्स से सीधे कनेक्शन स्थापित किए जाएंगे। 400 एमएलडी चंदू बुढेरा और 270 एमएलडी बसाई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से 40 लाख की आबादी के लिए पर्याप्त शुद्ध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
आसपास के जिलों और जल प्रबंधन में सुधार
परियोजना के पूरा होने के बाद, जो क्षेत्र वर्तमान में नहर से पानी प्राप्त करते हैं, जैसे सोनीपत और झज्जर के कुछ इलाके, उन्हें एनसीआर वाटर चैनल से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। इससे स्थानीय निवासियों को पानी की आपूर्ति में कोई कमी नहीं आएगी। रोहतक रोड के माध्यम से चलने वाला एनसीआर वाटर चैनल पुराने और नए वॉटरवर्क्स तक पानी पहुँचाएगा। इस पाइपलाइन प्रणाली के लागू होने के बाद पानी की बर्बादी लगभग शून्य हो जाएगी और यह परियोजना गुरुग्राम की बढ़ती आबादी के लिए सुरक्षित पीने के पानी की आपूर्ति में अत्यंत उपयोगी साबित होगी। यह हरियाणा के जल संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक मानी जा रही है।

















