Govardhan Puja 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा पर्व इस बार 22 अक्टूबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। इस वर्ष अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने के कारण दिवाली के अगले दिन यानी 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा आरंभ की गई प्रकृति और गौपूजन की परंपरा का प्रतीक है। मथुरा-वृंदावन, ब्रज क्षेत्र, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में यह उत्सव विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।Govardhan Puja
Govardhan Puja शुभ योग में मनाया जाएगा पर्व
इस वर्ष गोवर्धन पूजा अत्यंत शुभ योग में मनाई जाएगी। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, इस दिन तुला राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुध की युति से बुधादित्य योग और त्रिग्रही योग बन रहा है। साथ ही प्रीति योग और आयुष्मान योग का संयोग भी रहेगा, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ गया है।
Govardhan Puja के शुभ मुहूर्त
पहला मुहूर्त – सुबह 6:26 से 8:42 बजे तक
दूसरा मुहूर्त – दोपहर 3:29 से शाम 5:44 बजे तक
Govardhan Puja गोवर्धन पूजा विधि: सुबह स्नान के बाद व्रत संकल्प लें और आंगन या मंदिर में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाएं। पर्वत के चारों ओर मिट्टी के छोटे-छोटे टीले बनाकर दीपक जलाएं। भगवान श्रीकृष्ण, बलराम, गो माता और गोवर्धन पर्वत की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
पूजा में दूध, दही, घी, शहद, पुष्प, जल, धूप, दीप और विभिन्न व्यंजनों (अन्नकूट) का भोग लगाएं। इसके बाद परिवार सहित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करें और अंत में अन्नकूट प्रसाद का वितरण करें।Govardhan Puja 2025 Shubh Yog
Govardhan Puja धार्मिक महत्व: मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव का अभिमान तोड़ने के लिए ब्रजवासियों को गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा था। इंद्र के क्रोधित होकर वर्षा करने पर श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सात दिनों तक ब्रजवासियों को आश्रय दिया।Govardhan Puja 2025 Shubh Yog
तभी से इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। यह पर्व प्रकृति, गौवंश और पर्यावरण के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है।Govardhan Puja 2025 Shubh Yog

















