Haryana News: हरियाणा सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें बाजार की अनिश्चितताओं से बचाने के लिए मधुमक्खी पालन को भावांतर भरपाई योजना में शामिल कर लिया है। यदि बाजार में शहद का भाव सरकार द्वारा तय आरक्षित मूल्य से कम होता है, तो सरकार इसका अंतर सीधे किसानों के बैंक खातों में भुगतान करेगी। इससे मधुमक्खी पालक अपने उत्पाद का उचित मूल्य पाकर लाभान्वित होंगे
रजिस्ट्रेशन मधु क्रांति पोर्टल पर करना होगा: बता दे कि इस योजना का लाभ लेने के लिए मधुमक्खी पालक का रजिस्ट्रेशन मधु क्रांति पोर्टल पर होना आवश्यक है और इसे जिला अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए।
साथ ही लाभार्थी के पास वैध फैमिली आईडी होनी चाहिए। शहद की बिक्री HTC प्लेटफॉर्म पर तय समय-सीमा के भीतर करनी होगी और बिक्री का प्रमाण HTC सिस्टम द्वारा उत्पन्न चालान के रूप में होना चाहिए
सत्यापन की अवधि 1 दिसंबर से 31 मई तक: रजिस्ट्रेशन और सत्यापन की अवधि 1 दिसंबर से 31 मई तक है। मधुमक्खी बॉक्स का सत्यापन विभाग जनवरी से जून के बीच एक बार करेगा। एक मधुमक्खी पालक अधिकतम 1,000 बॉक्स यानी प्रति वर्ष 30,000 किलोग्राम शहद तक योजना का लाभ उठा सकता है।
प्रत्येक बॉक्स पर फैमिली आईडी के अंतिम 4 अंक और क्रम संख्या खुदवाना अनिवार्य है। शहद की बिक्री 1 जनवरी से 30 जून तक होनी चाहिएलाभ लेने के लिए न्यूनतम 500 किलोग्राम शहद HTC प्लेटफॉर्म पर लाना अनिवार्य है। शहद का वजन और नमूना पूरी पारदर्शिता के साथ संग्रहित किया जाएगा और उसकी गुणवत्ता एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में जांची जाएगी।
शहद की नीलामी 90 रुपये प्रति किलोग्राम के आरक्षित मूल्य पर होगी। यदि बिक्री इस मूल्य से कम होती है, तो भावांतर के रूप में अंतर का भुगतान 90 रुपये प्रति किलोग्राम के आधार पर किया जाएगाHaryana News
शहद की बिक्री के लिए इसे फूड ग्रेड बकेट में लाना आवश्यक है। नीलामी के बाद भुगतान सीधे एस्क्रो अकाउंट के जरिए लाभार्थियों के खाते में किया जाएगा। इस योजना से मधुमक्खी पालकों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलने के साथ-साथ आर्थिक सुरक्षा भी मिलेगी और उन्हें बाजार की अनिश्चितताओं से बचाया जा सकेगाHaryana News

















