Delhi सरकार ने राजधानी में 402 किलोमीटर लंबी सड़कों को पुनर्विकसित करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। इस परियोजना के लिए वित्तपोषण केंद्र और राज्य सरकार दोनों द्वारा प्रदान किया जाएगा। कार्यों की देखरेख और निष्पादन के लिए पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के तहत 402 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी, जिनमें से 300.9 किलोमीटर का खर्च केंद्रीय सड़क कोष (CRF) द्वारा और शेष 100.9 किलोमीटर का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। सभी महत्वपूर्ण कॉरिडोर को अपग्रेड करने के लिए दो-तरफा वित्तपोषण की व्यवस्था की गई है।
PWD मंत्री पर्वेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार का लक्ष्य विश्वस्तरीय सड़कों का निर्माण करना और कठोर गुणवत्ता जांच के साथ पारदर्शी प्रणाली स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि यह केवल निर्माण का मामला नहीं है, बल्कि गति और शून्य भ्रष्टाचार भी जरूरी है। इस परियोजना के तहत मुख्य सड़कें और हाई-ट्रैफिक इलाकों का विकास किया जाएगा। केंद्रीय सड़क कोष की मदद से ईस्टर्न अप्रोच रोड (वजीराबाद), रोड नंबर 68 (उत्तर-पूर्व दिल्ली), ओल्ड जीटी रोड, रोड नंबर 59 (लोनी बॉर्डर), नरेला-अलीपुर रोड, भजनपुरा-यमुना विहार रोड, सीलमपुर-शास्त्री पार्क कॉरिडोर और करावल नगर रोड के विभिन्न हिस्सों का पुनर्विकास किया जाएगा। इन क्षेत्रों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं और फरवरी-मार्च तक इन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य वित्तपोषित परियोजनाओं में मोहल्ला और प्राथमिक सड़कें
राज्य वित्तपोषित परियोजनाओं में प्राथमिक सड़कें और मोहल्ला सड़कें शामिल हैं। इनमें बिपिन चंद्र पाल मार्ग से CR पार्क, काली मंदिर रोड, सूरजकुंड रोड, प्रेस एन्क्लेव रोड, शेख सराय-पंचशील मार्ग, खेल गांव मार्ग, मंदिर मार्ग-करोल बाग, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी लिंक रोड और राजौरी-NH48 सर्विस लेन कॉरिडोर जैसी सड़कें शामिल हैं। मंत्री वर्मा ने बताया कि इन कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जोनल मॉनिटरिंग सिस्टम और वास्तविक समय में स्थानीय निरीक्षण लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परियोजना का सख्त समय-सीमा और फील्ड निरीक्षण के माध्यम से ट्रैक रखा जाएगा और गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होगा।
सड़क निर्माण के साथ अन्य सुविधाओं पर ध्यान
PWD ने कहा कि सड़क निर्माण के साथ-साथ जल निकासी प्रणालियों, फुटपाथों और सुरक्षा उपायों पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। इसका उद्देश्य सड़क की टिकाऊपन बढ़ाना और विशेष रूप से मानसून के दौरान जलभराव की समस्या को कम करना है। मंत्री वर्मा ने कहा, “यह 402 किलोमीटर की मिशन भरोसे का मामला है। कोई देरी नहीं, कोई बहाना नहीं और मानकों पर कोई समझौता नहीं होगा। अगले मार्च तक हम स्पष्ट और व्यापक बदलाव देखने की उम्मीद रखते हैं।” यह पहल सरकार की व्यापक योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दिल्ली को स्वच्छ, जुड़ा हुआ और “भविष्य-तैयार” बनाना है।

















