Corruption: रेवाड़ी प्रशासन में भ्रष्टाचार की खुली पोल, स्टाफ विक्रेता लाइसेंस के लिए दस साल से इंतजार

रेवाड़ी प्रशासन में भ्रष्टाचार की खुली पोल, स्टाफ विक्रेता लाइसेंस के लिए दस साल से इंतजार
रेवाड़ी प्रशासन में भ्रष्टाचार की खुली पोल, स्टाफ विक्रेता लाइसेंस के लिए दस साल से इंतजार

सीएम विंडो पर भी शिकायत कोई सुनवाई नहीं

Corruption : रेवाड़ी प्रशासन में कितना भ्रष्टाचार है इसका ताजा उदाहरण सामने आया है। धारूहेड़ा के वार्ड 6 का एक बरोजगार युवक पिछले दस साल से स्टाफ विक्रेता लाइसेंस के लिए कार्योलयों के चक्कर काट रहा है। परेशान होकर पीडित ने सीएम नायब सैनी को शिकायत भेजी है।

सीम को भेजी शिकायत में धारूहेड़ा के वार्ड 6 के रहने वाले दिनेश कुमार सैनी ने बताया कि 2014 मे उप तहसील धारूहेड़ा में स्टाफ विक्रेता की पोस्ट मंजूर हो चुकी थी। लेकिन दस साल बीतने के बाजवूद उसे उप तहसील धारूहेड़ा में स्टाफ विक्रेता की का लाइसेंस नहीं मिला है। Corruption

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तहसीलों में कितना भ्रष्टाचार है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। उनका आरोप है जिस व्यक्ति की उम्र 70 साल है तथा वह 48 हजार मासिक पेंशन लेता है उसका लाईसेंस तुरंत बना दिया गया है। जबकि वह बेरोजगार इसके लिए धक्के खा रहा है।Corruption

दिनेश सैनी का कहना है इसके लिए वह सीएम विंडो पर दो बार अपील लगा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। परेशान होकर पीडित ने सीएम नायब सिंह सेनी के पास लाईसेंस बनवाने के लिए शिकायत भेजी है।Corruption