Graps 2 की उड रही धज्जियां, रेवाडी, बावल व धारूहेडा में खुलेआम जल रहा कचरा, अधिकारी मोन

fire at garbej

रेवाडी: अधिकारियों की लापरवाही के चलते रेवाडी , धारूहेडा व बावल में सरेआम कूडा चलाया जा रहा हैा दूषित हुई आबोहवा में अब सांस लेना भी मुश्किल हो चला है। सुबह के समय हल्की स्मॉग की चादर छा रही है। समय रहते नहीं जागे तो स्थिति को बद से बदतर होने में ज्यादा समय नहीं लगने वाला है।Rewari: व्यापारी राजेश गोयल का निधन

सरेआम चलाया जा रहा है कचरा

यहां तक कि सरकारी प्रतिष्ठानों के आसपास ही कचरे को आग के हवाले किया जा रहा है। शहर के मिनी बाइपास कहे जाने वाले नाले पर भी कूड़े के ढेर में आग लगाई जा रही है।

POLL 3
प्रदूषण का एक अहम कारण कचरा जलाना भी है। लोग कचरा जलाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। इसका अहम कारण यह है कि नगर परिषद ने कचरा जलाने वालों के खिलाफ सिर्फ एक दिन ही कार्रवाई की थी। इसके बाद से नप अधिकारी अपने दफ्तर से बाहर ही नहीं निकले हैं।

खुले में पड़ी है निर्माण सामग्री

बढ़ते प्रदूषण के कारण नगर निकायों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। बड़ी तादाद में निर्माण कार्य चल रहे हैं। वहां जाकर भी कोई निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं इसलिए जमकर धूल उड़ रही है।थ्री व्हीलर चालक ने राहगिर से बैग छीना, बैग में थी 26 नकदी

निर्माण सामग्री बेचने वालों ने रोड़ी, बजरी आदि को खुले में डाला हुआ है। खुले में पड़ी निर्माण सामग्री को ढकवाकर रखने लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा दुकानदारों को निर्देश नहीं दिए गए हैं। किसी भी शहर के खाली स्थान पर कूड़ा, रोड पर कूड़ा, खाली प्लॉट में कूड़ा, नालियों में कूड़ा मिल रहा है तो यह समझ लेना चाहिए कि उस शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की सेवा सही नहीं है।

पटाखों की बिक्री पर रोक
ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। दीपावली, क्रिसमस व नववर्ष पर भी निर्धारित समय के दौरान ही ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल कर सकेंगेा

प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जिलाधीश एवं डीसी राहुल हुड्‌डा ने जिले में पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। एक नवंबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक यह आदेश प्रभावी रहेंगे। लेकिन केवल कागजों मे आदेश हो रहे है, जबकि धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है।

 

क्या है समाधान?

किसी भी शहर के शहरी परिदृश्य और स्वच्छता के लिए स्थानीय लोगों का सहयोग प्राप्त होना अति आवश्यक है और खासकर जब बात हो शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की। शहरी निकाय अपने शहर को कचरा मुक्त शहर, स्वच्छ शहर बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव पर कार्य कर सकते हैं-

  1. शहर के प्रत्येक वार्ड में शत-प्रतिशत डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन सर्विस को लागू करना।
  2. शहर के सभी वार्डों के आवासीय एवं वाणिज्य सहित अन्य प्रकार के लैंड यूज आधारित क्षेत्रों से निकलने वाले कूड़े का 100 प्रतिशत पृथक्करण करना। यदि निकाय के द्वारा वार्ड में कूड़े के पृथक्करण और संग्रहण के संबंध में जागरूकता अभियान चलाया गया है और फिर भी लोग कूड़ा इधर-उधर फेंक रहे हैं।
  3. सभी वार्डों में कूड़े के संग्रहण एवं पृथक्करण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना।
  4. गंदगी और कूड़ा फैलाने वालों पर पेनल्टी, स्पॉट फाइन, चालान करना।
  5. नगर के प्रमुख मार्गो, नाले-नालियों और सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों पर कठोर कार्रवाई करना।
  6. शहरी निकाय के समस्त वार्डों में कूड़े के उठान के लिए बनाए गए रूट प्लान का नियमित रूप से सक्षम अधिकारी के द्वारा मॉनिटरिंग करना।
  7. सेकेंडरी पॉइंट, ट्रांसफर स्टेशन सहित संबंधित प्रसंस्करण इकाई/ प्रोसेसिंग प्लांट का नियमित रूप से संचालित होना।
  8. शहर के प्रत्येक वार्ड के कमर्शियल एरिया में रात्रि सफाई/ रोड क्लीनिंग का किया जाना इत्यादि।