Union Budget 2025: लिथियम आयन बैटरियों पर टैक्स में छूट का ऐलान, जानिए इलेक्ट्रिक कारों के खरीदने पर क्या होगा फायदा

Union Budget 2025: भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को लेकर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने बताया कि अब इलेक्ट्रिक कारों की कीमत पहले से कम हो जाएगी और इसके साथ ही लिथियम आयन बैटरियों पर टैक्स में भी कमी की जाएगी।
यह घोषणा इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों को दर्शाती है। इस लेख में हम केंद्रीय बजट के इस हिस्से को विस्तार से समझेंगे और इसके प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में कमी
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक नई योजना बनाई है, जिससे इनकी कीमतों में कमी आएगी। यह योजना उन लोगों के लिए बड़ी राहत का कारण बनेगी जो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की सोच रहे हैं। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक कारों के लिए शुल्कों में छूट दी जाएगी, जिससे आम जनता को इन वाहनों को खरीदने में आसानी होगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में कमी से न केवल व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इलेक्ट्रिक कारें पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होती हैं, और यदि इनकी कीमतें कम होती हैं, तो आम जनता का रुझान इनकी ओर बढ़ सकता है। इससे पेट्रोल-डीजल वाहनों की मांग घटेगी और प्रदूषण कम होगा।
लिथियम आयन बैटरियों पर टैक्स में कमी
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार लिथियम आयन बैटरियों पर टैक्स में छूट देने जा रही है। लिथियम आयन बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन पर टैक्स की दर में कमी से बैटरियों की लागत में भी कमी आएगी। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत और भी सस्ती हो सकती है।
लिथियम आयन बैटरियों की उच्च लागत को देखते हुए, यह कदम इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माता कंपनियों के लिए बड़ी राहत है। जब बैटरियों की कीमत घटेगी, तो कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों को कम करना संभव होगा, और इससे उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर इलेक्ट्रिक वाहनों का लाभ मिलेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में सरकार की पहल
केंद्रीय बजट में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है, और वित्त मंत्री ने इसे एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत किया है। सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, ताकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ सके। इसके लिए, सरकार ने निवेश और विकास के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने का वादा किया है।
2024 में ऑटो सेक्टर में कुछ मंदी देखने को मिली थी, लेकिन 2025-2026 के वित्तीय वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में सरकार ने इस क्षेत्र को तेजी से बढ़ाने के उपायों की घोषणा की है। इससे ऑटो कंपनियों को भी राहत मिलेगी और वे नई तकनीकों और उत्पादों में निवेश कर सकेंगी।
आम जनता के लिए लाभ
यह बजट आम जनता के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। जब इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम होंगी, तो लोग उन्हें खरीदने के लिए ज्यादा उत्साहित होंगे। इससे भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में इजाफा हो सकता है।
इसके अलावा, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन वाहनों की खरीदारी पर कुछ खास छूट और सब्सिडी मिल सके, ताकि उन्हें खरीदने की प्रक्रिया और भी सुलभ हो। इसके अलावा, यह कदम उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा जो प्रदूषण के मुद्दे को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में पर्यावरण के लिए बहुत कम हानिकारक होते हैं।
ऑटो कंपनियों पर प्रभाव
इस बजट का एक बड़ा असर ऑटो कंपनियों पर भी पड़ने वाला है। जब इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत कम होगी, तो इन कंपनियों की बिक्री में भी वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, कंपनियां लिथियम आयन बैटरियों पर टैक्स में छूट मिलने से अपनी उत्पादन लागत को कम कर सकती हैं, जिससे उन्हें अधिक लाभ होगा। इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि ऑटो कंपनियां भविष्य में नए और उन्नत इलेक्ट्रिक वाहनों के मॉडल पेश करेंगी, जो ज्यादा किफायती और तकनीकी रूप से उन्नत होंगे।
पर्यावरणीय दृष्टिकोण
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने से भारत के पर्यावरणीय लक्ष्यों को भी बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार ने अपनी दीर्घकालिक जलवायु नीति के तहत 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में कमी करने का लक्ष्य रखा है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने से इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि इन वाहनों के संचालन से कोई प्रदूषण नहीं होता। यदि सरकार का यह कदम सफल होता है, तो भारत अपनी प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2025 के बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में कमी और लिथियम आयन बैटरियों पर टैक्स में छूट देने की घोषणा ने भारतीय ऑटो इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं के लिए बड़ी उम्मीदें जताई हैं। इस कदम से न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ेगी, बल्कि यह भारत की पर्यावरणीय नीति को भी मजबूत करेगा।
ऑटो कंपनियों के लिए यह समय निवेश करने और नए उत्पाद पेश करने का है, जबकि आम जनता को सस्ते इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में एक बड़ी राहत मिलेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बजट के प्रभावों को किस तरह से लागू किया जाएगा और भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता कितनी बढ़ेगी।