हरियाणा सरकार द्वारा खरीफ सीजन में खाद वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए किसानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बार बिना पंजीकरण वाले किसानों को खाद नहीं दी जाएगी। ऐसे में जिन किसानों ने अब तक पोर्टल पर अपनी भूमि और फसल से जुड़ी जानकारी अपडेट नहीं की है, उन्हें 5 अगस्त तक हर हाल में पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण के बाद ही किसानों को डीएपी, यूरिया सहित अन्य अनुदानित खाद उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग का कहना है कि इससे न केवल वास्तविक किसानों को लाभ मिलेगा, बल्कि कालाबाजारी और फर्जी वितरण पर भी अंकुश लगेगा।
विभाग द्वारा संबंधित जिलों के कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांव-गांव जाकर किसानों को पंजीकरण के लिए प्रेरित करें। ताकि किसान जल्दी से जल्दी पंजीकरण करवा सके।
कालाबाजारी पर रहेगी रोक: हर साल हरियाणा में खाद के लिए मारा मारी रहती है। ऐसे मे किसानों को बडी परेशानी होती है। सबसे अहम बात यह है खाद की कालाबाजारी भी होती है। इसी को लेकर सरकार ने ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर किसानों को डीएपी, यूरिया सहित अन्य अनुदानित खाद का पंजीकरण जरूरी करवा दिया है। इस बार केवल पंजीकरण करने वाले किसानों का खाद दी जाएगी।
हरियाणा में फिलहाल 84 हजार टन स्टॉक है। वही हरियाणा की ओर से केंद्र सरकार से 13.90 लाख टन खाद मांगा गया था जिसमें से 12.92 लाख टन मिल चुका है। ऐसे में साफ जाहिर है इस बार खाद की किल्लत नहीं रहेगी।

















