Haryana के सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं। स्कूलों को हाई-टेक, सुरक्षित और आधुनिक बनाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इसके साथ ही, उन शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो बच्चों को सही ढंग से पढ़ाने में असफल रहते हैं। शिक्षा मंत्री महिपाल धण्डा ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। बुधवार को शिक्षा हाउस में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में धण्डा ने कहा कि स्कूलों की इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक हर मोर्चे पर त्वरित और कड़ा कार्रवाई किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों को डिजिटल माध्यम से सीखने का अनुभव देने के लिए पिछले पांच वर्षों में राज्यभर के सरकारी स्कूलों में 26,000 से अधिक स्मार्ट क्लास बोर्ड लगाए जा चुके हैं।
मंत्री महिपाल धण्डा ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि पढ़ाई में किसी भी प्रकार की ढील या सुस्ती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिक्षकों में पढ़ाई के प्रति उदासीनता होने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्कूलों का नियमित निरीक्षण अनिवार्य है। अधिकारियों को स्कूलों का दौरा करना चाहिए, कमियों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें तुरंत दूर करना चाहिए। शिक्षा मंत्री का कहना है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए प्रशासनिक निगरानी और त्वरित कार्रवाई अत्यंत जरूरी है।
बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां सरकारी स्कूलों में बच्चों को दूध, खीर, पिन्नी और अन्य पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही, खाद्य सामग्री की गुणवत्ता भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त लैब में जांची जाती है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य को कोई खतरा न हो। बच्चों की सुविधा के लिए स्कूलों में डुअल डेस्क तेज़ी से लगाई जा रही हैं, ताकि बच्चों को बैठने में कठिनाई न हो। शिक्षा मंत्री ने स्कूल भवनों के निर्माण को भी तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। जहां निर्माण कार्य रुक गया है, उसे तुरंत पुनः शुरू किया जाए, ताकि कोई बच्चा अव्यवस्थित माहौल में पढ़ने के लिए बाध्य न हो।
ऑनलाइन ट्रांसफर नीति और कर्मचारियों के हित
धण्डा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर नीति का पूरा शेड्यूल जल्द से जल्द जारी किया जाए, ताकि प्रणाली में पारदर्शिता और सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के लंबित ACP, मेडिकल और अन्य मामलों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर्मचारियों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता न पड़े। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा, विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी राज नेहरू, प्रारंभिक शिक्षा के महानिदेशक विवेक अग्रवाल, स्कूल शिक्षा के निदेशक जितेन्द्र दहिया सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा हरियाणा में मजबूत आधार, आधुनिक सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को संवार सके।

















