डाक्टर की सीट पर डाक्टर ही कब्जा, चारो ओर चर्चा
Political News Haryana: हरियाणा में विधानसभा के चुनाव 5 अक्टूबर को होने हैं टिकटों को लेकर मारामारी चल रही है। लेकिन बावल में ऐसा मामला आया है जिसे जिसने सुना तो चकित रह गया।
बता दे कि डॉ. कृष्ण कुमार की पोस्टिंग पंचकूला स्थित स्वास्थ्य विभाग में थी। मंगलवार 10 बजे नौकरी से रिजाईन दिया, भाजपा की सदस्यता ली ओर कुछ देर बाद ही बावल से उसे टिकट थमा दिया गया।
बता दे कि भाजपा ने बावल विधानसभा सीट से विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल दौड में थे। इतना ही नहीं ये दावा किया जा रहा था कि पेनल में केवल एक ही नाम है ऐसे मे उनकी टिकट पक्की है। Political News Haryana
दिया बडा झटका: भाजप की ओर से बावल विधानसभा से बनवारी का टिकट काट कर जिले के भटेड़ा निवासी डॉ. कृष्ण कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है। डॉ. कृष्णकुमार ने मंगलवार को निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं पद से इस्तीफा दिया। इसके दो घंटे बाद भाजपा ने उन्हें बावल विधानसभा से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
जानिए कौन डॉ. कृष्ण कुमार
डॉ. कृष्ण कुमार स्वास्थ्य विभाग मे कार्यरत थे। फिलहाल उसकी पोस्टिंग पंचकूला स्थित स्वास्थ्य विभाग में थी। वह रेवाड़ी सहित प्रदेश के कई जिलों में सीएमओ के रूप में सेवाएं दे चुके हैं।
बावल सीट से डॉक्टर कृष्ण कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा तक नहीं थी। लेकिन भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी सूची में नाम आने से हैरानी बनी हुई है। इस बात को लेकर हैरान रह गया कि आखिर डॉ. कृष्ण कुमार को यहां से टिकट कैसे मिल गया। जिसका कोई जिकर ही नही था। Political News Haryana
घोटाल से बदली गई: भाजपा सूत्रों का कहना है कि सहकारिता विभाग में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ था। हालांकि, इस मामले में बनवारी लाल को क्लीन चिट मिल गई थी। लेकिन इसको लेकर भाजपा पर उंगुलियां उठ रही थी।
खट्टर से नजदीकी हुई तो राव से बिगड़े संबंध
डॉ. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और मनोहर लाल खट्टर दोनों से बराबर का तालमेल बनाकर चल रहे थे। जिससे राव इंद्रजीत सिंह खफा होते दिखे। लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम सीट से चुनाव लड़ा Bawal विधानसभा क्षेत्र से उन्हें उम्मीद के अनुरूप वोट नहीं मिल पाए, जिससे ये नाराजगी और ज्यादा बढ़ती चली गई।
राव इंद्रजीत सिंह के इशारे पर मिली टिकट
राव इंद्रजीत सिंह शुरू से ही बावल सीट पर नए नेता को टिकट देने की बात पर अड़े रहे, जिसके चलते बीजेपी ने अपनी पहली सूची में इस सीट को फाईनल पर रख दिया। जिसने भी राव का किया किनारा उसे कर दिया सदा के लिए दूर। राव साहब की एक खासियत है। अपने को हर कदम पर सहायता करते है। जिससे शाणपत्त दिखान की कोशिश् की उसे वे मिता देते है। कोसली में पहले विक्रम यादव ने राव से दूरिया बनाई तो बीच में मंत्र पद हटवा दिया। इसी तरह बावल से बनवारी को दूरी महंगी पडी।