साहबी बैराज में मरी ढेरों मछलियां, धडल्ले से छोडा जा रहा काला पानी
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Rewari करीब 400 एकड में भरा गंदा पानी… दिनभर उठती दुर्गंध… 2018 में क्या यही सपना पूर्व सीएम मनोहर लाल ने जनता को दिखाया था…साहबी बैराज की बदहाली पर पर एक दर्जन गांवो के लोग आसू बहा रहे है।
कैसे कैसे झूठे सपने दिखाकर जनता का गुमराह करके यहां पर रेवाडी के गंदे पानी की स्टोरेज का स्थान बना दिया है। आलम यहां तक है यहां पर रोज बडी संख्या में मछलियां दम तोड रही है वही पेड भी सूख गए है।
करीब 8 साल पहले साहबी (मसानी) बैराज की करीब 500 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्तर के जूलॉजिकल एंड नेचर पार्क की याद अब लोगो का आने लगी हैं। मनोहर सरकार ने क्या क्या सपने दिखाए। स्वयं भी दौरा किया था। लेकिन सारी प्लानिंग केवल दूषित पानी की झील बनकर रह गई हैं।
नेचर पार्क प्रोजेक्ट जिसमें टेंडर तक किए थे
राज्य सरकार ने हरियाणा के 50 वर्ष पूरा होने पर 1 नवंबर 2016 को कई तरह की घोषणाएं की थी। दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित मसानी बैराज (साहबी) पर 500 एकड़ जमीन पर नेचर पार्क विकसित करने की योजना बनाई तथा उसे स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में शामिल किया। इसके बाद यहां झीलें तैयार की गई। तार-बाढ करके पौधे भी लगाए।
जानिए क्या है योजना
- बांध की कुल 1648 एकड़ जमीन
- 1648 एकड़ जमीन है मसानी बैराज क्षेत्र में है। जो कि सिंचाई विभाग के अधीन रही है।
- 500 एकड़ में बांध फैला हुआ है।
- 1148 एकड़ बाकी जमीन खाली है।
- 1148 में से 500 एकड़ जमीन वन विभाग को प्रतिपूर्ति पौधरोपण के लिए दी जा चुकी है।
- 648 एकड़ शेष जमीन के ज्यादातर हिस्से में नेचर पार्क प्रस्तावित किया
झील में लगातार काला पानी भी छोड़ा गया। अगस्त 2018 में हरियाणा वन विकास निगम की ओर से बोटिंग व फूड कोर्ट आदि के लिए टेंडर भी छोड़ा गया है। तब कहा गया सबकुछ प्लानिंग के अनुसार अक्टूबर 2021 तक यहां बोटिंग शुरू करा दी जाएगी। लेकिन उसके बाद कई अक्टूबर चले गए आज तक वो योजना सिरे नहीं चढी।
एनजीटी की से साहबी बैराज में छोडे जा रहे पानी को लेकर भले ही जुर्माना लगाने के आदेश जारी किए हो, लेकिन अभी भी पानी लगातार छोडा जा रहा है। आलम यहां तक कि पानी से मछलियां मर रही है तथा पेड सूख गए है।