Haryana Political News: मोदी सरकार में लगातार तीसरी बार केबीनेट में होगें राव इंद्रजीत, जानिए क्यों ?

मोदी सरकार में लगातार तीसरी बार केबीनेट में होगें राव इंद्रजीत, जानिए क्यों
मोदी सरकार में लगातार तीसरी बार केबीनेट में होगें राव इंद्रजीत, जानिए क्यों

Haryana Political News हरियाणा में छठी बार सांसद बनने का रिकॉर्ड गुरुग्राम से जीते  (Rao inderjit singh) केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के नाम दर्ज हो गया है। हालांकि इससे पहले पंडित चिरंजीलाल शर्मा करनाल सीट से लगातार 4 बार सांसद बने थे।

 

गुरुग्राम सीट की बात करें तो यहां भी लगातार 4 बार सांसद बनने का ताज राव इंद्रजीत सिंह के नाम ही है। एक बार फिर राव इंद्रजीत की केबिनेट सीट पक्की हो गई।

भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लगातार तीसरी बार गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र से राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjit Singh) ने जीत हासिल कर न केवल हैट्रिक लगाई बल्कि कुल मिलाकर छह बार जीत हासिल करने वाले प्रदेश के वह पहले नेता बन चुके हैं।

6 बार सांसद ओर 4 बार बन चुके है  MLA

RAO INDERJIT SINGH
राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी सियासी पारी का आगाज साल 1977 में रेवाड़ी जिले की जाटूसाना विधानसभा (अब कोसली) से किया था। परंपरागत सीट रही जाटूसाना में बीरेंद्र ने अपने बड़े बेटे राव इंद्रजीत सिंह को यहां से अपना राजनीतिक वारिस बना चुनाव मैदान में उतारा।

राव इंद्रजीत सिंह ने अपने पहले ही चुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद यहां से लगातार चार बार 1977 से 1982, 1982 से 1987 और 1987 से 1991 और फिर 2000 से 2004 तक हरियाणा विधानसभा के सदस्य के तौर पर चंडीगढ़ पहुंचे।

गुरुग्राम सीट पर राव इंद्रजीत की लगातार चौथी जीत

2009 में राव इंद्रजीत सिंह ने पहला चुनाव गुरूग्राम से लड़ा और बीएसपी के जाकिर हुसैन को 84,864 वोटों से हराया था।

2013 में मोदी लहर को देख राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2014 में हुए चुनाव में रिकॉर्ड 2,74,722 वोटों से जीते थे। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 644780 और इनेलो नेता जाकिर हुसैन को 370058 वोट मिले थे।

पांच साल का रोडमैप तैयार : राव इंद्रजीत सिंह
पांच साल का रोडमैप तैयार : राव इंद्रजीत सिंह

2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने दूसरी बार राव इंद्रजीत को गुरुग्राम सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। उनका मुकाबला कांग्रेस नेता और 6 बार विधायक रहे कैप्टन अजय सिंह यादव से हुआ। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 881546 वोट मिले और कैप्टन अजय सिंह यादव को 495290 वोट मिले थे। इस सीट राव इंद्रजीत ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ा और 386256 वोटों से जीते थे।

2024 में राव इंद्रजीत सिंह को कुल 8 लाख 8 हजार 336 वोट मिले और उन्होंने राज बब्बर को 75079 वोट से हरा दिया। राव इंद्रजीत सिंह की ये सबसे छोटी जीत है।

 

इस बार भी रही गुटबाजी
गुरुग्राम सीट पर गुटबाजी नही रूक रही है। गुटबाजी की वजह से इस बार चुनाव प्रचार में राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह अलग-थलग भी पड़ते हुए दिखाई दिए। उनके लिए ना कोई बड़ा नेता प्रचार करने आया और ना ही इलाके के दूसरे बड़े स्थानीय नेताओं ने प्रचार किया। बस गनीमत यहीं रही खुद के वोट बैंक ने एक बार फिर राव इंद्रजीत को जीत दर्ज करवा दी।

 

इस लीड से बीच लाज: गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा में करीब 1-1 लाख वोट की लीड मिली, जिसकी वजह वो चुनाव जीत गए। बादशाहपुर वहीं हल्का है, जहां से 2019 में राव इंद्रजीत सिंह ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की टिकट कटवा दी थी।

रेवाडी में रही कांटे टक्कर: रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह व राजबब्बर की कांटे रही। हालांकि कई जगह से काफी जीत भी मिली। लेकिन जितनी उम्मीदी थी उसके रेव़ाडी में कम ही वोट मिले।

सीनियर नेताओं ने बनाई दूरी: पूर्व सांसद सुधा यादव, निवर्तमान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास जैसे सीनियर नेताओं ने दूरी बनाए रखी। जिसकी वजह से राव इंद्रजीत सिंह को बीजेपी के मजबूत कहे जाने वाले