बदहाली पर आसू बहा रहा मिनी लंदन रेवाडी, जानिए 43 करोड कहां लगाए

रेवाडी: खराब ट्रैफिक लाइट्स, सड़कों पर बेसहारा पशु,टूटी सड़कें, खराब गलियां, पार्कों की बिगड़ी दशा, स्ट्रीट लाइट, शौचालयों की साफ सफाई और जगह-जगह कूड़े के लगे .. जी हा हम बात रहे है मिनी लंदन की रेवाडी की।हरियाणा समेत कई राज्यों में बदलेगा मौसम का मिजाज, जानें वेदर अपडेट

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब 3 साल में 80 करोड रुपये की राशि खर्च होने के बावजूद शहर के हालात नहीं सुधरे हैं। नगर परिषद की चेयरपर्सन की ओर से साल 2021 में 23 करोड़ 7 लाख, साल 2022 में 12 करोड़ 53 लाख, साल 2023 में 43.21 करोड रुपये की राशि खर्च करने का दावा किया गया है।

PASHU

बैठक में सिर्फ हंगामा

मगर जमीनी स्तर पर परिस्थितियां और कुछ ही बयां कर रही हैं। नगर परिषद के कार्यकाल को खत्म होने को अभी 2 साल और बाकी हैं। कुछ समय पहले सेक्टरों में बनी सड़कें गुणवत्ता की वजह से विवादों में घिरीं, जिस वजह से काफी हंगामा भी हुआ।

42 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने का बनाया बजट

इस साल 5 बड़े प्रोजेक्ट को लेकर 42 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने का बजट बनाया गया है। जिसमें मुख्य रूप से डिजिटल लाइब्रेरी, दिव्य नगर योजना, पार्कों का विकास, कॉलोनियों का विकास, विभिन्न कम्युनिटी सेंटर की मरम्मत, अनाज मंडी रोड से राजीव चौक तक आरओडब्लयू का काम, शमशान घाट के हालत सुधरने का काम शामिल है।हरियाणा के रेवाडी से लाखों रूपए की नकदी व गहने लेकर दुल्हन फरार, CCTV मे कैद हुए फुटेज

जानिए तीन साल मे कितना हुआ खर्च
2021 : 23 करोड
2022 : 12 करोड
2023 : 43 करोड

REWARI RELVE STATION

2021 में हुए 23 करोड

साल 2021 में 23 करोड़ 7 लाख, साल 2022 में 12 करोड़ 53 लाख, साल 2023 में 43.21 करोड़ रुपये की राशि विकास कार्यों पर खर्च की गई है। ई टेंडरिंग के तहत सभी कार्य हुए हैं। आगे भी विकास कार्यों की गति जारी रहेगी। पहले की सरकारों में इतने विकास कार्य कभी नहीं हुए हैं।

बेसहारा पशु बने आफत

बेसहारा पशुओं के सड़कों पर घूमने की वजह से कई बार हादसे भी हो चुके हैं। जून से लेकर नवंबर तक धारूहेड़ा में 256 पशु छोड़ने का दावा किया गया है। कुत्तों की नसबंदी को लेकर भी मामला खूब उछला। कोर्ट के आदेशों के बाद भी व्यवस्था नहीं बन पा रही है।Murder in Rewari: धारूहेडा में श्रमिक की पत्थर से कुचलकर बेरहमी से हत्या

 

रेवाडी में अभी तक ट्रैफिक लाइट्स की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई है। इसे लेकर मामला कोर्ट में भी गया। जो ट्रैफिक लाइट थीं, वह भी टूट कर गिर चुकी हैं।