रेवाड़ी: शहर के एक डाक्टर द्वारा महिला के ऑपरेशन के दौरान पेट में धागा छोड़ दिया था। लापरवाही के चलते जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम ने आरोपी डाक्टर पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।Rewari: धारूहेड़ा में अपहरण का ड्रामा, पुलिस ने यूं सुलझाई गुत्थी
जानिए क्या था ममला: गांव देहलावास की अंजू ने फैमिली प्लानिंग का ऑपरेशन दो बच्चों के बाद कराया हुआ था। लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी एक पुत्री का निधन हो गया था। उसने हुए ऑपरेशन को खुलवाने के लिए शहर के बीएमजी मॉल के समीप स्थित मिशन अस्पताल से संपर्क साधा।
अंजू को 3 से 5 अक्तूबर 2016 तक अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया गया और उनके फैमिली प्लानिंग ऑपरेशन को खोल दिया गया। इस दौरान डाक्टर ने कहा कि ऑपरेशन सफल रहा है और अब वह गर्भधारण कर सकेगी।
दो साल होती रही पीड़ा: लेकिन करीब 2 साल तक अंजू को पेट में असहनीय पीड़ा होती रही और उन्हें गर्भ भी धारण नहीं हुआ। तत्पश्चात उसने अपने पति के साथ शहर के एक चिकित्सक से सलाह ली और अल्ट्रासाउंड कराया। इस अल्ट्रासाउंड से पता चला कि ऑपरेशन के समय उसके पेट में धागा रह गया था।Political News : हर वर्ग BJP के शासन से परेशान: मदन सिंह
पेट में दर्द व गर्भ धारण इसी कारण से नहीं हो रहा था। इस भारी लापरवाही की शिकायत उसके पति ने डाक्टर के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दी। सरकारी अस्पताल की एक टीम ने पूरी शिकायत पर जांच की। जांच के चलते डाक्टर का दोष मिला।
जब उसे कोई न्याय नहीं मिला तो उसने अधिवक्ता रजवंत डहीनवाल की मार्फत एक याचिका जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम में 31 नवंबर 2018 में दायर की। इसका निपटारा करते हुए फोरम के अध्यक्ष संजय कुमार खंडूजा एवं सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने अपने संयुक्त निर्णय में स्पष्ट किया कि चिकित्सा की लापरवाही इस पूरे मामले में साफ साबित हो रही है।मिट्टी के चूल्हे पर गन्ने के छिलको से बनेगा छठ मइया का प्रसाद
जिसके चलते अंजू को असहनीय पीड़ा एवं मानसिक रूप से प्रताडऩा झेलनी पड़ी। फोरम ने अपने आदेश में डाक्टर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना व 11 हजार रुपये वाद खर्च पीडि़त को देने के लिए कहा।