हरियाणा: हरियाणा के गब्बर व गृह मंत्री अनिल के ने पांच दिन पहले मामले दर्ज की जांच के मामले में लापरवाही बरतने वाले 272 पुलिस IO सस्पेंड करने के आदेश दिया गया था गब्बर के आदेश पर अब तक 101 जांच अफसरों को सस्पेंड किया जा चुका है। शेष 171 को अभी तक सस्पेंड क्यों नहीं किया गया, इसकी रिर्पोट डीजीपी मंगलवार तक गृह मंत्री को सौपेंगे।HTET परीक्षा दिसंबर में, आवेदन के लिए यहां करें अप्लाई
आका के खास, बचाने का प्रयास
सूत्रो से पता चला है आईओ की ओर से केस क्यो पेडिंग है! इसकी रिपोर्ट एसपी की ओर से डीजीपी को सोंपी गई है। पता चला कि 20 से अधिक आईओ की आका की रिपोर्ट ऐसी बनाई गई कि उनको बचाया जा सके। हालाकि इसको लेकर सभी जिलो के एसपी कोई खुलासा नहीं कर रहा है। लेकिन सस्पेंड हुए कई आइओ ने दबी जबान से ये कहना शुरू कर दिया है आंका के चेहतो को बचाया जा रहा है। अब देखना है यह है मंगलवार को पूरी रिपोर्ट देने के बाद कौन कोन बच पाता है।
हरियाणा में शेष 272 पुलिस जांच अधिकारियों (IO) के सस्पेंशन पर स्थिति मंगलवार क्लियर हो पाएगी। डीजीपी शत्रुजीत कपूर मंगलवार को अपनी रिपोर्ट गृह मंत्री का सौपेंगे। गृहमंत्री अनिल विज से डीजीपी ने शेष IO पर कार्रवाई के लिए 3 दिन का समय मांगा गया था। डीजीपी को सोमवार को अपनी रिपोर्ट गृहमंत्री विज को सौंपनी थी, लेकिन अब यह मामला मंगलवार तक टल गया है।Rewari: यूनिक नंबर से पुलिस रोकेगी अपराध, जानिए कैसे ?
रिटायर पर भी गिर सकती है गाज: अनिल विज पूरे मामले में पुलिस ऑफिसर से हर रोज अपडेट ले रहे हैं। कुछ मामलों में जांच अधिकारी बदलने में कानूनी अड़चनें भी आ रही हैं। एक दर्जन से ज्यादा जांच अधिकारी सेवा से रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई करने में विभाग को परेशानी आ रही है। हांलाकि विज ने साफ कहा है लापरवाही करने वाले को किसी कीमत पर नही बख्श जाएगा।
बचेगे या हटेंगें: पुलिस महकम में निंलबन के आदेश से अफरा तफरी मची हुई है। हर जिले से पेडिंग केसो की पूरी रिपोर्ट मांगी गई तथा यह पता चल सके कि कार्रवाई में देरी क्यों हुई। कई स्थानो पर आईओ बदलने व कहीं पर कोर्ट केस के चलते मामले अटके हुए है।भाजपा किसान मोर्चा रेवाडी की नई कार्यकारिणी गठित, जानिए किसको क्या मिला पद
सरकार के साथ पुलिस महकमे की निगाह आने वाली डीजीपी की रिपोर्ट पर टिकी है। माना जा रहा है कि कुछ IO का सस्पेंशन टल भी सकता है। ये डीजीपी पर है कि वे मंत्री अनिल विज को अपनी रिपोर्ट में कितना संतुष्ट कर पाते हैं।