धारूहेड़ा: यहां के मुख्य बाजार स्थित जैन दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे जैनियों के दश लक्षण महापर्व पर्युषण के चौथ दिन, शु्क्रवार को उत्तम शौच धर्म का पालन किया गया। इस मौक पर बच्चों ने नृत्य करके अपनी भक्ति दिखाई।दिल्ली-जयपुर हाइवे पर कंटेनर में ठुका कैंटर: चालक की दर्दनाक मौत
दसलक्षण पर्व के पावन दिनों में कम से कम अभिषेक पूजन इत्यादि क्रियाये अवश्य करनी चाहिए। आज चौथा दिन बड़ा पावन दिन है। उत्तम शौच धर्म अर्थात पवित्रता, आचरण में नम्रता व विचारों में निर्मलता लाना ही शौच धर्म है। बाहर की पवित्रता का ध्यान तो सब रखते है, आज का दिन आंतरिक पवित्रता का है।Firecrackers Ban: दीवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला: दिल्ली-NCR में पटाखों को लेकर दिया ये आदेश
जब मनुष्य लोभ से मुक्त हो जाता है तो स्वत ही आंतरिक पवित्रता आ जाती है। आत्मा का स्वभाव भी पवित्रता, निर्मलता है। इसलिए हमे भी आज से ही शौच धर्म को जीवन मे अपनाना चाहिए, धर्म को करना नहीं है धर्म को जीवन में धारण करना है, धर्म के साथ जीना है। इस मौके पर सरंक्षक विजय जैन, प्रधान निवेश जैन, सचिव मुकेश जैन, कोषाध्यक गौरव जैन आदि मौजूद रहे।















