Haryana: Strike का कोई असर नहीं, ​नए लिपिक भर्ती करने की तैयारी

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Best24News, Strike : वेतन बढाने की मांग को लेकर लिपिक पिछले 35 दिन हडताल पर है। ये हडताल रेवाड़ी ही पूरे हरियाणा में जारी है। हर दिन हो रहे राजस्व के नुकसान के बावजूद प्रशासन झूकने की बजाय ठेंगा ही दिखा रहा है।हरियाणवी लघु फिल्म ‘नई पहल’ का प्रीमियम लांच; जानिए क्या है खासियत

 

भारतीय मजदूर संद्य के बैनर तले चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को 35वें दिन में प्रवेश कर गई। इससे पहले लिपिकों के 35400 रूपये मूल वेतनमान की मांग को लेकर एसोसिएशन व सरकार के बीच हुई तीन वार्ताएं बेनतीजा हो चुकी है।

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जिला रेवाड़ी में धारा 144 लागू होने की वजह से कुछ दिन से हड़ताल में मजबूरीवश सीमित कर्मचारी ही भूख हड़ताल करके सरकार को जगाने का काम रहे थे।

 लगाए नारे

जिले में धारा 144 हटने के बाद मंगलवार को भारी संख्या में विभिन्न विभागों के लिपिकीय कर्मचारी पूरे जोश व उत्साह के साथ धरने में शामिल हुए। धरना स्थल पर दिनभर कर्मचारी एकता जिंदाबाद, लिपिकीय एकता जिंदाबाद तथा बीएमएस की क्या पहचान, त्याग, तपस्या और बलिदान के नारे गुंजते रहे।

5 महिलाए रही भूख् हड़ताल प

मंगलवार को क्रमिक भूख हड़ताल के 18वें दिन विभिन्न विभागों से 5 महिला कर्मचारियों शिक्षा विभाग से मंजु कुमारी, मोनिका, नीतू, रोड़वेज से प्रेमलता व रोजगार विभाग से सोनु शर्मा ने भूख हड़ताल पर बैठे और सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाकर कड़ा रोष जताया।P 5 1 11zon

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के बढ़ते हुए जोश व एकजुटता ने अब प्रदेश सरकार को भी मजबूर कर दिया है और सरकार जल्द ही वार्ता करके कर्मचारियों के वेतनमान की मांग को पूरा करेगी।

लिपिक एसोसिएशन के जिला प्रधान विकास यादव ने कहा कि प्रदेश का समस्त लिपिक वर्ग अपने 35400 रूपये मूलवेतनमान की जायज मांग को लेकर पूरी तरह से अडिग है। उन्होंने आशा जताई कि भारत मजदूर संद्य शीघ्र ही लिपिकों को उनका हक दिलवाकर रहेगा और प्रदेश सरकार भी जल्द ही उनकी मांगों को पूरा करने का काम करेगी।

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धरने में मंगलवार को रिटायर्ड कर्मचारी संद्य की ओर से कंवर सिंह ने लिपिकों के वेतमान की जायज मांग को पूर्ण समर्थन दिया। लिपिक सुनील शर्मा व विनोद शर्मा ने वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर रागिनी, प्रवीन कुमारी, महेश कुमार, उमेश गर्ग ने कविता प्रस्तुत की। वहीं शिक्षा विभाग के बिजेंद्र रंगा, लाजपत कौशिक, रोड़वेज के बीर सिंह, कृष्ण कुमार, रामनिवास बेनीवाल ने विचार रखे।