World Most Happiest Man : पैसे की हिंदुस्तान में कमी नही है. एक से एक धनाडय हिंदुस्तान में है. लेकिन अनाप स्नाप पैसा होने क बावजूद लोग सुखी नहीं है. इसी के चलते तनाव, चिंता और निराशा इंसान के जीवन का हिस्सा बन गई है.Haryana news: हाईवे पर छाया सन्नाटा…
खुश रहने के लिए क्यो करें?
यदि आप खुश रहना चाहते हैं, तो रिकार्ड कहते हैं कि आपको परोपकारी बनने का प्रयास करना चाहिए, जो न केवल आपको बेहतर महसूस कराएगा, बल्कि यह आपके जैसे अन्य लोगों को भी बेहतर बनाएगा।
ऐसे में लोगों का उदास होना एक प्रवृति बनती जा रही है. बात है लेकिन मैथ्यू रिकार्ड नाम के एक शख्स ने उदासी को मात देकर सिर्फ खुश रहना सीख लिया है. दुनिया का सबसे खुश आदमी कौन है? यदि आप इसे Google करते हैं, तो मैथ्यू रिकार्ड नाम सामने आता है.
लंबी रिसर्च से हुआ खुलासा
मैथ्यू रिकार्ड, एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु हैं जिन्हें दुनिया का सबसे खुश आदमी कहा जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के एक न्यूरोसाइंटिस्ट रिचर्ड डेविडसन के नेतृत्व में ध्यान और करुणा पर 12 साल के मस्तिष्क अध्ययन में भाग लिया था.
डेविडसन ने रिकार्ड के सिर को 256 सेंसर से जोड़ा और पाया कि जब रिकार्ड करुणा पर ध्यान कर रहे थे, तो उनका दिमाग असामान्य रूप से हल्का थ.
। डेविडसन ने कहा, ” स्कैन से पता चला कि ध्यान करते समय, रिकार्ड का मस्तिष्क गामा तरंगों पैदा करता है- जो चेतना, ध्यान, सीखने और स्मृति से जुड़ा हुआ है.
Firing at Rewari: दोस्त ने दोस्त पर दागी गोली, जानिए क्या था विवाद
मैथ्यू रिकार्ड
मैथ्यू रिकार्ड का जन्म 1946 में फ्रांस में हुआ था। आणविक आनुवंशिकी (Molecular Genetics) में अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद उन्होंने अपने सफल वैज्ञानिक करियर को पीछे छोड़ने और हिमालय में आध्यात्मिक खोज शुरू करने का फैसला किया.
ये है दुनिया का सबसे सुखी इंसान
बताया जा रहा है कि पिछली बार 1991 में वे दुखी हुए थे। तब से लेकर आज तक वे दुखी नहीं हुए हैं. अब खुशी उनकी जिंदगी का केवल हिस्सा भर नहीं, बल्कि आदत बन चुकी है.
यूनाइटेड नेशंस ने भी 2016 की अपनी हैप्पीनेस रिपोर्ट में उन्हें दुनिया का सबसे खुश शख्स घोषित किया था.