साहित्यकार स्व. बाबू बालमुकुंद गुप्त की पैतृक हवेली में खुलेगा पुस्तकालय, हरियाणा के सीएम ने की घोषणा

रेवाडी: सैनिको की खान के गांव गुड़ियानी में जन्मे प्रसिद्ध साहित्यकार एवं पत्रकार स्व. बाबू बालमुकुंद गुप्त की पैतृक हवेली में प्रदेश सरकार पुस्तकालय खोलेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ स्थित टैगोर थियेटर में आयोजित हरियाणा साहित्य पर्व में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए की।

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उक्त जानकारी बाबू बालमुकुंद गुप्त पत्रकारिता एवं साहित्य संरक्षण परिषद के महासचिव साहित्यकार सत्यवीर नाहडिया ने दी। उनके अनुसार मुख्यमंत्री ने बताया की कोरोना काल में अकादमी भवन में जब बाल मुकुंद गुप्त की प्रतिमा का लोकार्पण किया गया तो उनके कोलकाता से परिजनों ने गुड़ियानी की हवेली में गुप्त की स्मृतियों को चिरस्थायी एवं प्रेरणापुंज बनाने के लिए कोई पुस्तकालय व वाचनालय आदि खोलने की बात कही थी।
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उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में वे स्वयं गुड़ियानी हवेली में जाकर उनकी अनमोल स्मृतियों का भावपूर्ण स्मरण करेंगे। बाल मुकुंद गुप्त के प्रपौत्र विमल गुप्त कोलकाता, परिषद के संरक्षक नरेश चौहान, अध्यक्ष ऋषि सिंहल, उपाध्यक्ष रोहित यादव, कृष्ण भगवान गोयल, श्याम बाबू गुप्त, डॉ. प्रवीण खुराना, हेमंत सिंहल ने अकादमी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत करते हुए उन्हें गुड़ियानी पधारने का लिखित निमंत्रण दिया है।
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क्षेत्र के साहित्यकारों तथा साहित्यप्रेमियों ने घोषणा का स्वागत करते हुए इस हवेली को हिंदी पत्रकारिता तथा साहित्य के अनूठे पुस्तकालय के रूप में विकसित करने की पहल पर खुशी व्यक्त की है।