खाद के लिए मारा मारी, जंग जीतने से कम नही है खाद लेना

रेवाडी: पहले कोरोना संक्रमण से लोग परेशान थे, अब कोरोना से राहत मिली है किसान के लिए डीएपी लेना आफत बना हुआ है। आये दिन बढ रही किसानो की भीड के चलते खाद लेना किसी जंग जीतने से कम नहीं है। अलसुबह से ही किसान डीएपी के लिए लाइन में लगना शुरू हो गए थे। शाम करीब 5 बजे के बाद तक भी खाद वितरण चला, मगर इसके बावजूद कई किसानों को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। इफको और मार्केटिंग सोसायटी की ओर से करीब 1700 बैग वितरित किए गए। हालांकि डिमांड के हिसाब से ये अभी पर्याप्त नहीं है।
खाद की मारामारी के बीच जिला प्रशासन ने भी सख्ती शुरू कर दी है। इसके लिए सोमवार देर शाम को डीसी यशेंद्र सिंह ने महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इसमें प्रशासनिक अधिकारी, उर्वरक विक्रेता, उर्वरक निर्माता कम्पनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें दो बातों पर विशेष जोर दिया गया। पहला ये कि रेवाड़ी के लिए आ रहा डीएपी राजस्थान के लोग ना ले जाएं, इसके लिए अधिकारी नजर रखें। दूसरा, डीएपी का वितरण पीओएस मशीन के द्वारा ही किया जाए, ताकि स्टॉक पर निगरानी रखी जा सके।

100% बिक्री पीओएस से हो, वरना कार्रवाई होगी
इस समय डीएपी की डिमांड ज्यादा है, जबकि आपूर्ति कम है। डीसी यशेन्द्र सिंह ने अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए कि खाद बिक्री अब 100 प्रतिशत पीओएस मशीन से की जाए। जो भी बिना पीओएस मशीन के खाद बेचेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कुछ लोग खाद को बिना पीओएस के बेचते हैं। खाद वितरित हो जाता है, मशीन में वह स्टॉक खड़ा ही रहता है। थोक विक्रेता सुनिश्चित करें कि रेवाड़ी से राजस्थान में डीएपी न जाने पाए। तहसीलदार-नायब तहसीलदार अलर्ट पर रहें। सरसों की बिजाई के लिए एसएसपी की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाए।

पुलिस के पहरे में मिल रही खाद:
खाद की मारामारी के बीच बहस और धक्का-मुक्की की शिकायतें भी आ रही हैं। अधिक भीड़ के चलते सोमवार को काफी संख्या में पुलिसकर्मी मंडी में तैनात रहे। पुलिस के पहरे में ही खाद की बिक्री की गई। खाद लेने वालों में बुजुर्ग व महिलाएं भी कतार में लगी नजर आईं। महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है।