जानिए क्या आदेश है स्टेट कमीश्न की ओर से
धारूहेडा: सुनील चौहान। मार्कशीट को अयोगय करार देने के विरोध में निर्वाचित कंवर सिंह की ओर से दायर याचिका की शुक्रवार को हाईकोर्ट सुनवाई हुई। अदालत की ओर से चेयरमैन की सर्टीफिकेट को योग्य करार दिया गया है। इतना ही नहीं स्टेट इलेक्शन कमीशन की ओर से आदेश पारित किया गया है कि चुनाव प्रकिया को रद करते हुए चुनाव लडने वाले सभी प्रत्याशियों की बतोर सक्योरिटी राशि वापस दी जाए।
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क्या था मामला: चुनाव आयोग को दी शिकायत में संदीप बोहरा के साथ साथ सात अन्य चेयरमैन उम्मीदवारों ने एफिडेविट देते हुए आरोप लगाए थे कि कंवर सिंह ने जो 10 वीं मार्कशीट दिखाई है वह दी सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन से दर्शाई गई है तथा 2 जुलाई 1981 में परीक्षा पास की है। उस समय हरियाणा में इस तरह का कोई बोर्ड नहीं था। जिला प्रशासन से 10 वी मार्कसीट जांच होने शपथ नहीं दिलाने की मांग की थी। उपायुक्त की ओर से कागजातों की जांच एसडीएम कोसली को सौंपी थी। जिसमें एसडीएम की ओर से कंवर सिंह की मार्कशीट को हरियाणा बोर्ड के अनुसार वैध नहीं बताते हुए फर्जी करार दिया गया था। जांच रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास भेजी गई थी। कंवर सिंह को चुनाव आयोग की ओर से मार्च 21 मे डिसक्वालीफाई कर दिया गया था। इसी के कंवर सिंह की ओर से मार्कशीट को लेकर हाईकोट में अपील की है।
मांगा गया था जबाव: नव निवार्चित धारूहेडा के चेमरमैन कंवर की मार्कशीट को लेकर चुनाव के बाद फर्जी बताते हुए एफीडेविट देने वाले चेयरमैन के उम्मीदारो व प्रशासन को हाई कोई ने नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। इसी के चलते धारूहेडा के सात चेयरमैन उम्मीदवार व पांच प्रशासनिक अधिकारियों को इस बावत जबाव देने के निर्देश दिए है। कंवर सिंह का दावा है कि उनकी मार्कशीर्ट सही है तथा जिसकी दिल्ली से वेरिफिकेशन हो चुकी है, ऐसे में मार्कशीट का फर्जी बताना गल्त है। कवर सिंह की ओर से अपील करने के बाद हाईकोट ने जबाव देने को कहा गया है।
बतौर गवाह भेजा नोटिस: कंवर सिंह की ओर अपनी मार्कशीट को लेकर हाईकोट में अपील की है। चेयरमैन के उम्मीदवार मान सिंह, संदीप बोहरा, बाबूलाल लांबा, खेमचंद सैनी, दिनेश कुमार सहित सात ने मार्कशीट गल्त होने को लेकर एफिडेविट दिया था। कंवर सिंह की ओर से अपील करते पर हाईकोर्ट की ओर एफिडेविट देने वाले तथा जिला प्रशासन से जबाव मांगा गया है। जिसके लिए पहले 30 मई तिथि तय की गई थी, लेकिन कोरोना काल के चलते 9 सितंबर माह की तिथि दी गई थी।
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