Haryana News: गुरुवार को स्वदेशी जागरण मंच ने बाल भवन वाटिका में चार दिवसीय स्वदेशी मेले का उद्घाटन किया, जिसका मकसद स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाना और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना है। यह मेला भारतीय उद्यमिता और संस्कृति का एक अनोखा संगम है, जिसमें स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
भिवानी नगर परिषद अध्यक्ष के प्रतिनिधि भवानी प्रताप मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि जिला बाल कल्याण अधिकारी ओम प्रकाश और विभाग प्रमुख सत्यनारायण मित्तल विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे। स्वदेशी मेले का उद्घाटन महंत योगी राजनाथ महाराज ने भी किया। भवानी प्रताप ने कहा कि हर व्यक्ति को स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि वे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
मेले के आयोजक राजीव मित्तल ने बताया कि लोग 21 दिसंबर तक स्वदेशी मेले का आनंद ले सकते हैं, जो रोज़ सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा। इस मेले में पूरे राज्य के युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए 75 अलग-अलग स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए अचार, देश की सबसे बड़ी नोटबुक (जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है), लेघा गांव के एक किसान का ऑर्गेनिक गेहूं और मिट्टी से बनी हस्तकला की वस्तुएं शामिल हैं।
मेले में एक खास पारंपरिक हरियाणवी गांव का माहौल भी बनाया गया है, जहां लोग बाजरे की रोटी, मक्के की रोटी, कढ़ी और सरसों का साग जैसे पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेकर अपनी जड़ों से जुड़ रहे हैं। स्वदेशी जागरण मंच के विभागीय समन्वयक अमित बंसल मुंधलिया ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को प्रोत्साहित करना है। यह मेला भारतीय खेलों, कपड़ों और व्यापार को बढ़ावा देता है, और उद्यमियों को सम्मानित करके उनका मनोबल भी बढ़ाता है। इसके अलावा, मेले को मनोरंजक और ज्ञानवर्धक बनाने के लिए कई सांस्कृतिक और खेल कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें मेहंदी लगाना, रंग भरने और पेंटिंग प्रतियोगिताएं, लोक नृत्य और पारंपरिक वेशभूषा प्रदर्शन, बिना आग के खाना बनाना, क्विज़, लघु नाटक और दीया सजावट शामिल हैं।
सत्यनारायण मित्तल, भवानी प्रताप और ओम प्रकाश ने कहा कि यह मेला सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि एक जन जागरूकता अभियान है। उन्होंने कहा कि जब हम लोकल प्रोडक्ट्स को अपनाते हैं, तो इससे न सिर्फ कारीगरों को मदद मिलती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होती है। उन्होंने कहा कि यह स्वदेशी मेला परंपरा और आधुनिकता का एक बेहतरीन उदाहरण होगा।

















