Lumpy skin disease: हरियाणा में पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज (LSD) के मामले दोबारा बढ़ने लगे हैं, जिसके बाद हिसार स्थित लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (LUVAS) ने पशुपालकों को सावधान रहने की सलाह दी है। विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का कहना है कि गर्म और नम मौसम इस वायरस के लिए अनुकूल होता है, जिसके चलते संक्रमण तेजी से फैल सकता है। पशुपालकों को अपने पशुओं की नियमित निगरानी रखनी चाहिए और किसी भी लक्षण के दिखते ही नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।
ये बताए लक्षण: विभाग के अध्यक्ष डॉ. ज्ञान सिंह ने बताया कि बीमारी की शुरुआत अक्सर तेज बुखार और कमजोरी से होती है। इसके बाद पशु के शरीर पर विभिन्न आकार की गांठें या नोड्यूल्स बनने लगते हैं, जो गर्दन, पीठ, पैरों और चेहरों पर अधिक दिखाई देते हैं। कई मामलों में आंख और नाक से पानी बहना, दूध उत्पादन में कमी और भूख न लगना भी देखने को मिलता है। बीमारी लंबी चलने पर पशु कमजोर हो जाता है ।
जानिए कैसे फैलती है ये बीमारी‘ चिकित्सकों ने बताया कि यह बीमारी मच्छर, मक्खी, टिक्स और अन्य रक्त चूसने वाले कीटों के माध्यम से फैलती है, इसलिए पशुपालकों को अपने पशु शेड की साफ-सफाई और कीट नियंत्राण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। संक्रमित पशु को तुरंत अलग रखने की सलाह दी गई है ताकि बीमारी अन्य पशुओं में न फैले। Lumpy skin disease
ये बताए उपचार: बता दे इसके बचाव के लिए पशु शेड में नियमित स्प्रे, बाड़े की सफाई, पानी की टंकियों और आसपास के क्षेत्रों में गंदगी न जमने देने पर जोर दिया गया है। जिन पशुओं में लक्षण दिखाई दें, उन्हें तुरंत पशु चिकित्सक की देखरेख में रखने और समय पर दवाओं का उपयोग करने से बीमारी की गंभीरता को काफी हद तक कम किया जा सकता है Lumpy skin disease

















