Haryana Politics: हरियाणा सरकार ने 30 नवंबर को दिल्ली नगर निगम के 12 वार्डों में होने वाले उप-चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत राज्य में कार्यरत उन सभी सरकारी कर्मचारियों को सवेतन अवकाश या विशेष आकस्मिक अवकाश मिलेगा जो दिल्ली के पंजीकृत मतदाता हैं। यह निर्णय सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, बोर्डों और निगमों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए लागू होगा।
अधिसूचना जारी कर मुख्य सचिव ने बताया नियम
इस संबंध में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना के तहत यह अवकाश विनिमय लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 25 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135-बी के अनुसार दिया जाएगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि उप-चुनाव में शामिल सभी योग्य मतदाता अपने मतदान का अधिकार पूरी तरह से निभा सकें।
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी मिलेगा अवकाश
सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ हरियाणा में काम कर रहे कारखानों, दुकानों और अन्य निजी प्रतिष्ठानों में कार्यरत उन कर्मचारियों को भी सवेतन अवकाश दिया जाएगा जो दिल्ली के मतदाता हैं। यह भी जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135-बी के अंतर्गत होगा। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि कोई भी कर्मचारी मतदान के लिए बाधित न हो और सभी लोग अपने लोकतांत्रिक कर्तव्य का निर्वाह कर सकें।
मतदान की स्वतंत्रता और सुविधा के लिए प्रयास
हरियाणा सरकार का यह फैसला मतदान की स्वतंत्रता और सुविधा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे कर्मचारियों को मतदान के लिए छुट्टी लेने में आसानी होगी और वे निर्बाध रूप से अपने मतदान केंद्र पहुंच सकेंगे। सरकार का यह कदम लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
इस प्रकार, हरियाणा सरकार ने उप-चुनाव के मद्देनजर अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए उन्हें मतदान के अधिकार का प्रयोग करने का पूरा अवसर दिया है। यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि सरकार कर्मचारी हितों के प्रति कितनी संवेदनशील है और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुचारु बनाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।

















