सरकार चाहे जितना जोर लगा ले, किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। 35 महीने आंदोलन चलेगा: राकेश टिकेत
हरियाणा/ अलवर: दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पहुंचे। इस दौरान उन्होंने किसानों को दिल्ली में चल रही किसान संसद की जानकारी दी। साथ ही किसानों को प्रेरित करते कहा कि जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानेगी, किसान घर नहीं जाएंगे। जहां बैठे हैं, वहीं डटे रहेंगे।
टिकैत ने कहा कि भाजपा नेताओं का विरोध भी इसी तरह होता रहेगा। सरकार चाहे जितना जोर लगा ले, किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। 35 महीने आंदोलन चलेगा। इसलिए अभी तो तीन बारिश, तीन गर्मी और तीन सर्दी और बची हैं। किसान पूरी तैयारी के लिए आंदोलनरत हैं। अगर सरकार सब कुछ ठीक करना चाहती है तो हमारी मांगें मानकर कृषि कानूनों में बदलाव करे।
टिकैत ने कहा कि सरकार में बैठे लोग हमें मवाली कहते हैं। वे चांदी के बर्तन मे खाने वाले और हम झोपड़ी में रहने वाले किसान हैं। हम खेतों में पसीना बहाकर अनाज उगाकर पत्तल पर खाना खाने वाले हैं। हम सरकार से बात करने के लिए तैयार हैं। हमने संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बातचीत के लिए चिट्ठी लिखी थी, लेकिन सरकार शर्ताें पर बात करना चाहती है, वो मंजूर नहीं।
टिकैत ने मीनाक्षी लेखी को लेकर कहा कि वह तो सिर्फ बोलने वाली है। क्या बोलना है, वो उन्हें कोई और लिखकर देता है। दरअसल, मीनाक्षी लेखी ने ही किसानों को मवाली कहा था। बता दें कि दिल्ली-जयपुर हाइवे पर राजस्थान की सीमा में जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर 13 दिसंबर 2020 से किसान कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत हैं।
आंदोलन को तेल करने के लिए निकाली ट्रेक्टर रैली: आंदोलन की शुरूआत में यहां 5 राज्यों के किसान मौजूद थे, लेकिन 26 जनवरी की हिंसा के बाद से लगातार किसानों की संख्या कम होती चली गई। अभी राजस्थान, मध्यप्रदेश व कुछ अन्य राज्यों के किसान बॉर्डर पर मौजूद हैं। कुछ दिन पहले ही आंदोलन में जान फूंकने के लिए बावल चौरासी की तरफ से जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर तक ट्रैक्टर रैली भी निकाली गई थी।