कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री म.प्र. Kumari Selja ने हरियाणा सरकार की स्वास्थ्य नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार की लापरवाही और असंगठित स्वास्थ्य प्रणाली के कारण गरीब और जरूरतमंद मरीज, खासकर ग्रीन कार्ड धारक और आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी, गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण जनता को घंटों कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है, जबकि उन्हें निशुल्क और सुगम स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए। कुमारी सेल्जा ने बताया कि कुछ सरकारी अस्पतालों में हड्डी रोग विशेषज्ञ तक नहीं हैं, वहीं कई अस्पताल बवासीर, हर्निया और अपेंडिक्स जैसी सर्जरी की सुविधा प्रदान नहीं कर पा रहे हैं।
Kumari Selja ने कहा कि सरकार के नाम पर लागत कटौती और नीति सुधार वास्तव में गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों की परेशानियों को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली हैं। सिरीसा जिले सहित कई अस्पतालों में तकनीशियनों की कमी है, और आवश्यक उपकरण या तो अनुपलब्ध हैं या खराब स्थिति में हैं। इससे न केवल उपचार की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि मरीजों और उनके परिजनों की परेशानियां भी बढ़ रही हैं।
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य भटक गया
सांसद Kumari Selja ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे पूरी तरह नजरअंदाज किया है। गरीब मरीज अपनी मूलभूत अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना का मूल उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराना था, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह योजना अपने उद्देश्य से भटक चुकी है। मरीजों को आवश्यक सुविधाओं और चिकित्सकीय सेवा नहीं मिल पा रही है, जिससे योजना का लाभ सही तरीके से नहीं पहुँच पा रहा है।
तत्काल सुधार और सुझाव
Kumari Selja ने मांग की है कि सरकार तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति सुनिश्चित करे, सभी सिविल अस्पतालों में आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए और जीवनरक्षक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए। उन्होंने सुझाव दिया कि जिला अस्पतालों में ग्रीन हेल्पडेस्क बनाया जाए, जहां ग्रीन कार्ड और आयुष्मान योजना के लाभार्थी प्राथमिकता के आधार पर दवाओं, परामर्श और इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकें। कुमारी सेल्जा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तत्काल सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़कों तक उठाएगी।

















