Haryana News: हरियाणा सरकार ने नगर निगमों के शहरों में पेयजल और सीवरेज लाइन के खर्च की भरपाई के लिए नया कदम उठाया है। इस फैसले से नवंबर से पानी के बिलों में दो गुना बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। गुरुग्राम नगर निगम ने नई दरें तय कर दी हैं और इन्हें एक नवंबर से लागू किया जा रहा है। फरीदाबाद, सोनीपत और पानीपत जैसे जिलों में भी तैयारी पूरी हो चुकी है। सरकार का कहना है कि यह कदम जरूरी था ताकि शहरों में 24 घंटे पानी की आपूर्ति सुचारू रखी जा सके।
बढ़े हुए बिल से लोगों की जेब पर असर
नई दरों के लागू होने के बाद अब लोगों को अपने घरेलू खर्चों में पानी के बिल के लिए ज्यादा रकम देनी पड़ेगी। पहले जहां एक से बीस किलोलीटर पानी पर 3.19 रुपये किलोलीटर देना पड़ता था, अब इसकी दर बढ़कर 6.38 रुपये किलोलीटर हो गई है। यानी सीधे सौ प्रतिशत बढ़ोतरी। बीस से चालीस किलोलीटर पानी की दर 6.38 रुपये से बढ़ाकर 10.21 रुपये कर दी गई है जो कि 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
ज्यादा पानी खर्च करने वालों को देना होगा भारी बिल
अगर कोई परिवार 40 किलोलीटर से ज्यादा पानी खर्च करता है तो अब उसे पहले की तुलना में काफी अधिक बिल देना होगा। अब 10.21 रुपये प्रति किलोलीटर की बजाय 12.76 रुपये प्रति किलोलीटर देना होगा। यानी 25 प्रतिशत की वृद्धि। वहीं बल्क और व्यवसायिक कनेक्शन के बिल भी बढ़ा दिए गए हैं जिससे कारोबारी वर्ग पर भी इसका असर पड़ेगा।
सीवरेज चार्ज भी बढ़ा
पेयजल दरों के साथ-साथ अब सीवरेज का चार्ज भी बढ़ गया है। अगर किसी का पानी का बिल मात्र पांच रुपये आता है तो उसे 250 रुपये सीवरेज चार्ज के रूप में अतिरिक्त देना होगा। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि पानी के नेटवर्क को बेहतर बनाने, पाइपलाइन सुधारने और लगातार सप्लाई देने के लिए खर्च बढ़ गया है। इसी वजह से यह दरें संशोधित करनी पड़ी हैं।
बर्बादी पर लगाम जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़े हुए बिल से अब लोगों को पानी की बर्बादी रोकने की प्रेरणा मिलेगी। हरियाणा में बढ़ते शहरीकरण के बीच पानी की मांग तेजी से बढ़ी है और अगर लोग सावधान नहीं हुए तो आने वाले समय में जल संकट और गंभीर हो सकता है। सरकार का यह कदम भले ही जेब पर भारी हो लेकिन लंबे समय में यह व्यवस्था सुधारने में मदद करेगा।

















