चंडीगढ़: मानसूनी बारिश ने उत्तर भारत में कहर बरपा दिया है। कई राज्यों में खेत पानी में डूब गए हैं और गांवों में जलभराव से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। हरियाणा के दर्जनों जिलों में किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। इसी आपात स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने किसानों की राहत के लिए बड़ा कदम उठाया है।Breaking News
राज्य सरकार ने फसल नुकसान पंजीकरण के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है। यह पोर्टल 12 जिलों के 1402 प्रभावित गांवों के लिए 10 सितंबर तक खुला रहेगा। अब तक 38,286 किसानों ने अपनी फसल खराबी का दावा पंजीकृत कराया है और करीब 2.42 लाख एकड़ क्षेत्र प्रभावित बताया गया है।Breaking News
प्रभावित जिलों में रोहतक (41 गांव), चरखी दादरी (34), हिसार (86), पलवल (59), सिरसा (6), भिवानी (43), रेवाड़ी (7), कुरुक्षेत्र (75), यमुनानगर (600), नूंह (166), फतेहाबाद (21) और झज्जर (264) शामिल हैं। जिला राजस्व अधिकारी पोर्टल के जरिए दर्ज दावों की विशेष गिरदावरी करेंगे और उसी के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे समय सीमा का लाभ उठाकर अपनी फसल खराबी का पंजीकरण जल्द से जल्द करवाएं। अधिकारियों का कहना है कि निर्धारित मानकों के आधार पर किसानों को आर्थिक मदद दी जाएगी ताकि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।

















