Bhiwadi News: सोहना-पलवल हाईवे पर अलवर बाइपास के समीप बने रैंप को लेकर हरियाणा और राजस्थान के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। यह रैंप हरियाणा के धारूहेड़ा क्षेत्र में दूषित पानी के बहाव को रोकने के लिए बनाया गया था, जिससे स्थानीय लोगों को राहत मिली थी। अब राजस्थान की ओर से इस रैंप को हटाने की चेतावनी दी गई है, जिसके चलते दोनों राज्यों के बीच विवाद और गहरा गया है।
जानकारी के अनुसार, यह रैंप पिछले साल 29 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के रेवाड़ी दौरे से एक दिन पहले प्रशासन द्वारा तैयार किया गया था। इसके बनने से धारूहेड़ा में काला पानी की आवक कम हुई और जलभराव की समस्या में काफी हद तक सुधार आया।

लेकिन हाल ही में राजस्थान की सर्व पंचायतों ने हरियाणा प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि यदि यह रैंप 13 जुलाई तक नहीं हटाया गया, तो वे खुद मौके पर आकर इसे तोड़ देंगे। स्थानीय लोग इस चेतावनी को आर-पार की लड़ाई के रूप में देख रहे हैं।
शनिवार रात को भिवाड़ी की ओर से कुछ अज्ञात लोगों ने चोरी-छिपे रैंप का हिस्सा तोड़ दिया, जिससे 50 फीसदी दूषित पानी फिर से हरियाणा की सीमा में प्रवेश करने लगा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, यह रैंप सांसद राव इंद्रजीत सिंह के प्रयासों और उपायुक्त के सहयोग से बनाया गया था। लेकिन अब जब दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, तब भी हरियाणा के हितों को नजरअंदाज करने की बात सामने आ रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रदेश नेतृत्व इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठा है, जबकि मसानी डैम से निकलने वाला गंदा पानी क्षेत्र के लिए पहले ही एक बड़ी मुसीबत बना हुआ है।
स्थिति लगातार तनावपूर्ण होती जा रही है और यदि 13 जुलाई को कोई ठोस समाधान नहीं निकलता, तो यह मामला और भड़क सकता है। धारूहेड़ा के लोगों में भारी रोष है और अब वे एकजुट होकर इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने की तैयारी में हैं।

















