Samruddhi Expressway: भारत में लगातार बन रहे नए हाइवे और एक्सप्रेसवे लोगों की यात्रा को आसान बना रहे हैं. इसी कड़ी में अब 5 जून 2025 को महाराष्ट्र में एक नया हाईटेक एक्सप्रेसवे चालू किया जा रहा है. जिससे मुंबई से नागपुर के बीच का सफर पहले से कहीं ज्यादा तेज और सुरक्षित हो जाएगा.Samruddhi Expressway
इगतपुरी से ठाणे सेक्शन का होगा उद्घाटन
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 5 जून को समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे के आखिरी चरण, यानी इगतपुरी से ठाणे सेक्शन का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही पूरा 701 किलोमीटर लंबा समृद्धि महामार्ग जनता के लिए पूरी तरह से खुल जाएगा.Samruddhi Expressway
समृद्धि महामार्ग की खास पहचान
इस एक्सप्रेसवे का पूरा नाम है हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग. यह छह लेन का आधुनिक एक्सप्रेसवे मुंबई और नागपुर को सीधे जोड़ता है. इसके निर्माण में करीब 55,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.Samruddhi Expressway
सुरक्षा और टेक्नोलॉजी का जबरदस्त मिश्रण
इस महामार्ग को इतना एडवांस बनाया गया है कि युद्ध की स्थिति में वायुसेना के लड़ाकू विमान भी इस पर उतारे जा सकते हैं. इसमें
65 बड़े पुल,
24 इंटरचेंज,
6 सुरंग,
और 400+ अंडरपास बनाए गए हैं.
रफ्तार में आएगी क्रांति
इस एक्सप्रेसवे को 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाने के हिसाब से डिजाइन किया गया है, लेकिन इसकी अधिकतम अनुमत गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इससे पहले जहां मुंबई से नागपुर का सफर 16 घंटे में होता था. अब महज 8 घंटे में पूरा किया जा सकेगा.
हर 5 KM पर CCTV, ट्रैफिक पर होगी नजर
सुरक्षा के लिहाज से महामार्ग पर हर 5 किलोमीटर पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं. इससे तेज रफ्तार, गलत लेन या नियम उल्लंघन करने वालों की पहचान कर तुरंत चालान किया जा सकेगा.Samruddhi Expressway
10 जिलों से होकर गुजरेगा महामार्ग
यह समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के 10 प्रमुख जिलों से होकर गुजरता है. नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशीम, बुलढाणा, जालना, छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद), नासिक, अहमदनगर और ठाणे. इस मार्ग से जुड़े प्रमुख शहरों में शामिल हैं. भिवंडी, कल्याण, नासिक, कोपरगांव, शिरडी, जालना, वर्धा और औरंगाबाद.
आर्थिक और सामाजिक विकास को मिलेगी रफ्तार
इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से राज्य में औद्योगिक निवेश बढ़ेगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और शहरों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी. गांव और कस्बे भी मुख्यधारा से जुड़ेंगे. जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

















