Haryana Railway Train : भारतीय रेलवे अब एक नई ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ रहा है. देश में पहली बार हाइड्रोजन गैस से चलने वाली ट्रेन की शुरुआत की जा रही है और इसके लिए हरियाणा का जींद जिला एक ऐतिहासिक भूमिका निभाने जा रहा है. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक वर्मा ने जींद रेलवे स्टेशन और निर्माणाधीन हाइड्रोजन प्लांट का दौरा करते हुए बताया कि यह परियोजना अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. चेन्नई में बन रही यह हाइड्रोजन ट्रेन अगले दो महीनों में जींद पहुंच जाएगी. जबकि हाइड्रोजन गैस प्लांट भी इसी अवधि में पूरी तरह तैयार हो जाएगा. Haryana Railway Train
हाइड्रोजन प्लांट बनते ही शुरू होगा ट्रायल रन
जैसे ही जींद में हाइड्रोजन प्लांट पूरी तरह बनकर तैयार होगा. उसी के साथ हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल रन शुरू कर दिया जाएगा. यह ट्रायल जींद से सोनीपत के बीच किया जाएगा. यदि ट्रायल सफल होता है, तो जल्द ही यह ट्रेन आम यात्रियों के लिए भी शुरू कर दी जाएगी. यह पहल न केवल रेलवे की तकनीकी क्षमता को दर्शाती है. बल्कि हरित ऊर्जा की ओर एक बड़ा कदम भी मानी जा रही है.
चेन्नई में पूरी हो रही है हाइड्रोजन ट्रेन की मैन्युफैक्चरिंग
इस हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण चेन्नई की कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है. जहां इसे आधुनिकतम तकनीक और सुरक्षा मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है. यह ट्रेन पर्यावरण के अनुकूल होगी. क्योंकि यह हाइड्रोजन को जलाकर ऊर्जा बनाएगी और शून्य प्रदूषण के साथ दौड़ेगी. इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि डीजल और बिजली पर रेलवे की निर्भरता भी कम होगी.
जींद रेलवे स्टेशन का तेजी से हो रहा विकास
उत्तर रेलवे के जीएम अशोक वर्मा ने दौरे के दौरान जींद रेलवे स्टेशन को लेकर कई विकास कार्यों की घोषणाएं कीं. वर्तमान में स्टेशन पर स्थित वाशिंग लाइन, जो अब तक 17 कोच तक सीमित थी, उसे अब 23 कोच तक बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों को सभी आवश्यक संसाधन और कार्यबल समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. ताकि यह कार्य निर्धारित समय में पूरा हो सके.
फुट ओवरब्रिज और प्लेटफॉर्म कनेक्टिविटी का काम तेज़ी पर
जींद रेलवे जंक्शन के पुनर्विकास कार्य भी गति पकड़ चुके हैं. स्टेशन पर प्लेटफॉर्म 1 और 2 को जोड़ने वाला फुट ओवरब्रिज जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा. फुट ओवरब्रिज के विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल पर GM ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में स्टेशन पर केवल दो प्लेटफॉर्म हैं. इसलिए अतिरिक्त विस्तार की आवश्यकता नहीं है. परंतु भविष्य में यदि प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ती है, तो इसका विस्तार भी संभव है. Haryana Railway Train
कर्मचारियों की समस्याओं पर भी ध्यान
अपने दौरे के दौरान अशोक वर्मा ने रेलवे कर्मचारियों की समस्याओं को सुना और शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि रेलवे केवल ट्रेनों और स्टेशनों के विकास तक सीमित नहीं है. बल्कि कर्मचारियों की कार्य स्थितियों और सुविधाओं का सुधार भी उतना ही जरूरी है. इससे स्पष्ट है कि रेलवे प्रशासन सभी स्तरों पर संतुलित विकास की नीति अपना रहा है.
हाइड्रोजन ट्रेन: पर्यावरण और ऊर्जा का भविष्य
हाइड्रोजन ट्रेन न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह भारत के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. हाइड्रोजन एक साफ-सुथरा ईंधन है जो जलने पर केवल पानी छोड़ता है. जिससे वायु प्रदूषण की समस्या नहीं होती. इससे रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी और सरकार के नेट जीरो एमिशन लक्ष्य में तेजी लाई जा सकेगी.
हरियाणा को मिली नई पहचान
यह परियोजना हरियाणा के लिए गर्व का विषय है. क्योंकि यह राज्य देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का टेस्ट बेस बनने जा रहा है. यह ना केवल तकनीकी प्रगति है. बल्कि इससे क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर बुनियादी ढांचे का विकास और आर्थिक गतिविधियों में तेजी भी आएगी. इससे जींद और आसपास के क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी. Haryana Railway Train

















