IAS Success Story: यूपीएससी को देश में सबसे मुश्किल परीक्षा माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसी आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने बहुत मुश्किलों के बाद भी इस परीक्षा को पास कर सफलता हासिल की। उनकी सफलता के रास्ते में विकलांगता की रोड़ा नहीं बन सकी। उम्मु खेर बचपन से ही विकलांग थी। वह बोन फ्रेजाइल बीमारी से पीड़ित है। बचपन से ही उन्होंने बीमारी और गरीब के साथ परिवारिक विद्रोह का भी सामना किया। इतनी मुश्किलें झेलने के बाद भी उनके अंदर कुछ कर गुजर जाने का जज्बा था। इसीलिए उन्होंने अपने पढ़ाई पर ध्यान दिया और UPSC परीक्षा दी।IAS Success Story
झुग्गी झोपड़ी में रहती थी उम्मुल खेर
उम्मुल खेर बहुत छोटी थीं तो उनके पिता गुजर-बसर करने के लिए दिल्ली आ गए थे। दिल्ली आने के बाद उनके पिता की जिंदगी मुश्किलों से भर दी थी। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फेरी लगाकर अपना और अपने परिवार का पेट भरा।
उनकी कमाई बहुत कम थी जिस वजह से वह दिल्ली निजामुद्दी में स्थित झुग्गी झोपड़ी में रहते थे। झुग्गी झोपड़ी में रहकर उम्मुल खेर और उनके परिवार को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा। लेकिन उनके परिवार की इससे भी बुरा समय आया था जब 2001 में यहां की झुग्गियों को उजाड़ दिया था। जिससे वह बेघर हो गए थे।IAS Success Story
16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी करवा चुकी है उम्मुल खेर
बोन फ्रेजाइल बीमारी से पीड़ित होने की वजह से उनकी हड्डियां बहुत कमजोर थी। जिससे कई बार उनकी हड्डियां टूट जाती थी। उन्हों 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरियों को झेला है। साल 2014 में उम्मुल का चयन जापान के इंटरनेशनल लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए हुआ था। वह ऐसी चौथी भारतीय थी जिनका सिलेक्शन इस प्रोग्राम के लिए हुआ था। एमफिल के बाद उम्मुल ने जेआरएफ भी क्लियर कर लिया था।IAS Success Story
पहले प्रयास में आईएएस की परीक्षा में हुईं सफल
JRF के साथ उम्मुल ने आईएएस बनने की तैयारी जारी रखी। उन्होंने UPSC की कठिन परीक्षा में 420वीं रैंक हासिल की थी। इसके साथ उन्होंने पहले ही प्रयास में इतनी कठिन परीक्षा को पास कर लिया था। आज वह एक कामयाब आईएएस ऑफिसर हैं और करोड़ों लोगों को प्रेरणा देती हैं।
















